नाबालिग रेप-विक्टिम ने अबॉर्शन की इजाजत मांगी,28 हफ्ते की प्रेग्नेंट:SC ने अर्जेंट सुनवाई की, मेडिकल कराने का आदेश; बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपील खारिज की थी

महाराष्ट्र की 14 साल की रेप पीड़ित ने सुप्रीम कोर्ट से अबॉर्शन की इजाजत मांगी है। पीड़ित 28 हफ्ते की प्रेग्नेंट है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर शुक्रवार 19 अप्रैल को शाम 4.30 बजे अर्जेंट सुनवाई की। शीर्ष कोर्ट ने पीड़ित का मेडिकल कराने का आदेश दिया है। पीड़ित का कल यानी 20 अप्रैल को महाराष्ट्र के हॉस्पिटल में मेडिकल होगा। इसमें ये देखा जाएगा कि अबॉर्शन का नाबालिग पर शारीरिक और मानसिक रूप से क्या असर होगा। CJI चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने इस मामले पर विशेष सुनवाई की। इस मामले में ASG ऐश्वर्या भाटी भी बेंच की मदद के लिए मौजूद रहीं। नाबालिग की मां ने सुप्रीम कोर्ट में बॉम्बे HC के आदेश को चुनौती दी थी
नाबालिग की मां ने जो याचिका दायर की है कि उनमें बॉम्बे हाई कोर्ट के 4 अप्रैल 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी। इसमें बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाबालिग को अबॉर्शन की परमिशन नहीं थी। इस मामले में IPC की धारा 376 और POCSO एक्ट में केस दर्ज है। CJI चंद्रचूड़ की बेंच ने बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश खारिज करते हुए नाबालिग के मेडिकल चैकअप का आदेश दिया। बेंच ने कहा कि यौन उत्पीड़न को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने जिस मेडिकल रिपोर्ट पर भरोसा किया, वह नाबालिग पीड़िता की शारीरिक और मानसिक कंडीशन का आकलन करने में विफल रही है। कोर्ट में जो रिकॉर्ड पेश किए गए हैं, उससे ये बात सामने आई है। महाराष्ट्र सरकार नाबालिग और उसकी मां की सेफ्टी तय करे
बेंच ने निर्देश दिया है कि महाराष्ट्र सरकार याचिकाकर्ता और उसकी नाबालिग बेटी को सेफ्टी के साथ अस्पताल ले जाना तय करें। जांच के लिए गठित मेडिकल बोर्ड इस बात पर भी राय दे कि क्या नाबालिग के जीवन को खतरे में डाले बिना अबॉर्शन किया जा सकता है। अबॉर्शन का 14 साल की बच्ची की मानसिक स्थिति पर क्या असर पड़ेगा। बच्ची के जांच रिपोर्ट सोमवार ( 22 अप्रैल) की सुबह 10.30 बजे अदालत में पेश की जाएगी। यह खबर भी पढ़ें… CJI बोले- सुप्रीम कोर्ट के लिए कोई मामला छोटा नहीं: हम आम नागरिकों के लिए हमेशा मौजूद, अदालतें न्याय देने के लिए बनाई गई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- देश के सर्वोच्च अदालत के लिए कोई मामला छोटा नहीं होता है। सुप्रीम कोर्ट हमेशा भारत के नागरिकों के लिए मौजूद है। चाहे उनकी जाति, धर्म या जेंडर कुछ भी हो। वे सभी के साथ बराबर व्यवहार करते हैं। चंद्रचूड़ ने बुधवार को NDTV को दिए एक इंटरव्यू में ये बातें कहीं। उन्होंने आगे कहा- मैं यह मैसेज सभी को देना चाहता हूं। हम आम नागरिकों के लिए हमेशा मौजूद हैं। पूरी खबर पढ़ें CJI चंद्रचूड़ ने कहा- न्यायपालिका के कंधे चौड़े हैं: बोले- कोर्ट के फैसलों पर बार की टिप्पणी परेशान करती है, वकील आम आदमी नहीं भारत के मुख्य न्यायधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ शुक्रवार (5 अप्रैल) को पुणे पहुंचे थे। वे यहां हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल हुए। अपने संबोधन में CJI ने कहा, ”न्यायपालिका के कंधे चौड़े हैं और वह प्रशंसा के साथ-साथ आलोचना भी सह सकती है। लेकिन पेंडिंग मामलों और फैसलों पर वकीलों का टिप्पणी करने की आदत काफी परेशान करती है।” पूरी खबर पढ़ें

Source: DainikBhaskar.com

Related posts