मोबाइल में ब्लास्ट…4 बच्चों की जलकर मौत:मां-पिता की हालत गंभीर, मेरठ में गद्दे और पर्दों से पूरे घर में फैली आग

मेरठ में शनिवार देर रात मोबाइल में ब्लास्ट होने से एक घर में आग लग गई। हादसे में 6 लोग बुरी तरह से झुलस गए। 4 बच्चों ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। वहीं, उनके मां-पिता की हालत गंभीर है। घटना पल्लवपुरम थाना क्षेत्र के जनता कॉलोनी की है। दरअसल, चार्जर में शॉर्ट सर्किट के बाद मोबाइल में ब्लास्ट हो गया था। धमाका इतना तेज हुआ कि आग गद्दे और पर्दे से पूरे घर में फैल गई। कुछ ही देर में आग पूरे कमरे में फैल गई और चारों बच्चे उसमें फंस गए। बच्चों में बचाने में माता-पिता भी झुलस गए। आग की लपटों में किसी को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। पुलिस के मुताबिक, मृतकों में कल्लू (5 साल), गोलू (6 साल), निहारिका (8 साल) और सारिका (12 साल) हैं। जबकि इनके पिता जॉनी मेडिकल कॉलेज में और मां बबिता एम्स में वेंटिलेटर पर हैं। बेटी निहारिका और बेटे गोलू की रात 2 बजे मौत हुई। बड़ी बहन सारिका की सुबह 4 बजे और सुबह 10 बजे सबसे छोटे बेटे कल्लू ने भी दम तोड़ दिया। सभी का मेडिकल अस्पताल में इलाज चल रहा था। मुजफ्फरनगर का परिवार यहां किराए पर रहता था
मुजफ्फरनगर के सिखेड़ा गांव के रहने वाले जॉनी अपनी पत्नी बबीता और चारों बच्चों के साथ मेरठ की जनता कॉलोनी में पप्पू के मकान में किराए पर रहता है। जॉनी दिहाड़ी मजदूर है। होली के चलते जॉनी शनिवार को घर पर ही था। शाम को जॉनी, बबीता रसोई में होली के पकवान बना रहे थे। चारों बच्चे कमरे में थे। कमरे में ही मोबाइल चार्जिंग पर लगा हुआ था। तभी चार्जर में शॉर्ट सर्किट के साथ मोबाइल में धमाका हुआ और पूरे कमरे में आग फैल गई। एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में सभी जले
कमरे में फोम का गद्दा था, जिसकी वजह से आग ने भयंकर रूप ले लिया। जिसके चलते बच्चे भाग नहीं पाए, वह आग की चपेट में आ गए। शॉर्ट सर्किट की वजह से आग को बुझाना मुश्किल था, क्योंकि करंट फैलने का खतरा था। फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले आग पूरे घर में फैल चुकी थी। कमरे में लगी आग को देखकर मां बबीता ने चारों बच्चों को आग से बचाने का प्रयास किया, जिसके चलते वह भी बुरी तरीके से झुलस गईं। पत्नी और बच्चों को बचाने दौड़ा पति भी आग की चपेट में आ गया। सभी घायलों को पहले एंबुलेंस से फ्यूचर प्लस अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से डॉक्टरों ने उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। गुझिया बना रहे थे पति-पत्नी, बच्चे कमरे में थे
जिस वक्त आग लगी उस समय पति जॉनी, पत्नी बबिता के साथ रसोई में गुझिया बना रहे थे। बच्चे कमरे में बैठकर खेल रहे थे। घायल बबिता ने बताया- तभी रसोई में काम करते वक्त अचानक तेज धमाके की आवाज आई। लगा कोई भारी चीज गिरी है या सिलेंडर फट गया। हम दोनों फौरन बच्चों को बचाने कमरे में भागे। देखा वहां धुआं उठ रहा था। आग लगी थी। बच्चे आग में फंसे थे। चीखें सुनकर पड़ोसी भी पहुंचे
घायल जॉनी ने बताया कि आग लगने के बाद बच्चों ने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। धमाके और बच्चों का शोर सुनकर हम और बबिता कमरे की ओर दौड़े। आग लगी देख हमारे होश उड़ गए। बच्चे आग में बुरी तरह झुलस चुके थे। बच्चों को बचाने के दौरान हम दोनों भी बुरी तरह झुलस गए। बच्चों के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे। 70% बच्चे झुलस गए थे
पड़ोसियों ने किसी तरह आग पर काबू पाने की कोशिश की। पल्लवपुरम पुलिस को मामले की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से झुलसे बच्चों और उनके मां-पिता को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। आग के कारण घर का सामान भी जलकर राख हो गया। पल्लवपुरम थाना प्रभारी मुन्नेश सिंह ने बताया कि शॉर्ट सर्किट होने से आग लगी। डॉक्टर के मुताबिक, बच्चे लगभग 70% झुलस चुके थे, जबकि उनके मां-पिता भी 50% झुलसे हैं।

Source: DainikBhaskar.com

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