Income Tax Budget 2023 LIVE: बजट 2023 में इनकम टैक्‍स पर छूट मिली या नहीं? जानें क्‍या बदला – NBT नवभारत टाइम्स (Navbharat Times)

नई दिल्‍ली: बजट 2023 में मिडल क्‍लास के लिए खुशखबरी है। इनकम टैक्‍स स्‍लैब की संख्‍या घटाकर 5 कर दी गई है। टैक्‍स में छूट की सीमा 3 लाख रुपये बढ़ा दी गई है। यानी 3 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्‍स नहीं लगेगा। बजट पेश करते हुए सीतारमण ने सीनियर सिटिजंस और महिलाओं को भी गुड न्‍यूज दी। वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख की जाएगी। वहीं, महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5% का ब्याज मिलेगा। लोग बजट 2023 में इनकम टैक्‍स स्‍लैब में बदलाव (Income Tax Slab Changes) की आस लगाए हैं। आखिरी बार साल 2014 में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था।

Budget 2023 Income Tax Slab Changes (केंद्रीय बजट 2023 में आयकर स्‍लैब से जुड़े बदलाव)


प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है।निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री
इनकम टैक्‍स स्‍लैब का रेट (बजट 2022-23)
बजट 2023: क्‍या-क्‍या छूट मिल सकती है?
छूट सीमा और मानक कटौती में फेरबदल करने के अलावा वित्त मंत्रालय 80सी के अंतर्गत निवेश छूट सीमा बढ़ाने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहा है। इसमें जीवन बीमा, एफडी, बॉन्ड, आवासीय और पीपीएफ व अन्य सेवाएं आती हैं। फिलहाल इसके तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट है। सूत्रों ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए भुगतान पर भी विचार किया जा रहा है। सरकार निवेशकों को लाभ पहुंचाने के लिए पूंजीगत लाभ कर नियमों को भी आसान कर सकती है। इससे मध्यम वर्ग के निवेशकों को लाभ होगा।

Budget 2023 Tax

बजट 2023 से क्‍या उम्‍मीदें

आयकर छूट सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। पहले जब नए लोगों की भर्ती होती थी तो कई वर्षों तक उनका टैक्स नहीं कटता था। लेकिन, पिछले कई साल आयकर में छूट सीमा बढ़ाई नहीं गई है। इसकी वजह से नई नियुक्ति होने के पहले महीने से ही टैक्स कटना शुरू हो गया है। हमारी मांग है कि इसकी सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दी जाए। इसके अलावा सेविंग सीमा को भी बढ़ाया जाए।
एसपी गौतम, शिक्षक

सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने मांग है कि 5 प्रतिशत और 20 प्रतिशत के बीच 10 प्रतिशत का टैक्स स्लैब वापस लाया जाए। इसके अलावा 10 लाख तक अधिकतम 10 प्रतिशत और उसके बाद कॉरपोरेट टैक्स की तरह अधिकतम 25 प्रतिशत टैक्स होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वृद्ध टैक्सपेयर को उनके टैक्स के आधार पर ओल्ड ऐज बेनिफिट मिलना चाहिए। टैक्सपेयर की वृद्धावस्था में पिछले सालों में दिए गए इनकम टैक्स के हिसाब से उसे सोशल सिक्योरिटी और रिटायरमेंट बेनिफिट की भी सुविधा मिले।

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