जापानी पीएम ने भारतीय प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के अलावा सोमवार को अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस समेत 10 देशों के नेताओं से मुलाकात की। कमला हैरिस के जनवरी 2021 में सत्ता संभालने के बाद यह उनकी पहली जापान यात्रा थी। पीएम किशिदा ने कमला हैरिस से मुलाकात के दौरान कहा, ‘जापान और अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता है।’ कमला हैरिस ने एक बार फिर से अमेरिका की जापान की सुरक्षा की प्रतिबद्धता को दोहराया। अमेरिकी नेता ने कहा कि अगर जापान को धमकी दी जाती है तो अमेरिका टोक्यो के साथ खड़े होने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
किशिदा और कमला ने चीन को दिया संदेश
कमला हैरिस और किशिदा के बीच मुलाकात के दौरान में ताइवान के पास चीनी सेना के अभ्यास पर भी बातचीत हुई। किशिदा और कमला दोनों ने ही हिंद- प्रशांत क्षेत्र में ताकत के बल पर यथास्थिति में किसी भी एकतरफा बदलाव के प्रयास का कड़ा विरोध किया। वाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों ही नेताओं ने ताइवान स्ट्रेट में हालिया आक्रामक और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार पर चर्चा की है। साथ ही ताइवान स्ट्रेट में शांति और स्थिरता को बरकरार रखने के महत्व की फिर से पुष्टि की है।
जापान और अमेरिका चीनी सेना की बढ़ती ताकत और विस्तार तथा आर्थिक शक्ति को देखते हुए शिंजो आबे के कार्यकाल से ही स्वतंत्र हिंद- प्रशांत क्षेत्र बनाने का समर्थन कर रहे हैं। साथ ही जापान और अमेरिका दोनों ही दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप के देशों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रणनीति में सहयोग करें। किशिदा ने रूस पर भी निशाना साधा और कहा, ‘दुनिया इसलिए संकट का सामना कर रही है, क्योंकि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है।’ शिंजो आबे ने अपने कार्यकाल में चीन और दक्षिण कोरिया के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें बहुत सफलता नहीं मिल पाई थी।
चीन को लगी तीखी मिर्ची, साधा निशाना
इस अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए चीन ने वान गांग को भेजा है। वह विज्ञान और तकनीक मंत्री रह चुके हैं। वान चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य भी नहीं हैं जो देश की नीतियों को तय करती है। किशिदा का वान से मिलने का कोई प्लान भी नहीं है। ऐसी अटकलें थीं कि चीन अपने किसी वरिष्ठ नेता को भेज सकता है लेकिन ऐसा हुआ नहीं और चीन ने एक कम महत्वपूर्ण नेता को टोक्यो भेजा है। माना जा रहा है कि चीन को ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका और जापान के बीच बढ़ते रिश्ते से टेंशन है। इस बीच चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के पूर्व संपादक हू शिजिन ने जापान पर तीखा तंज किया है और कहा कि इस अंतिम संस्कार में जी7 देशों का एक भी नेता नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि जी7 देश जापान को पश्चिमी देशों के दूसरे दर्जे के नागरिक के रूप में देखते हैं।
दोस्त जापान के साथ पीएम मोदी ने दिखाई एकजुटता
इस बीच जापान के साथ दोस्ती का प्रदर्शन करते हुए पीएम मोदी भी टोक्यो पहुंच गए हैं और उन्होंने जापानी प्रधानमंत्री किशिदा से मुलाकात भी की है। पीएम मोदी ने जापान की पहल से एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए कहा कि शिंजो आबे ने हिंद प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और स्वतंत्र बनाए रखने के लिए बड़ा योगदान दिया था। पीएम मोदी ने कहा कि वह आबे के निधन से बहुत दुखी हैं। उन्होंने भारत और जापान के रिश्ते को एक नए मुकाम तक पहुंचाया था। जापानी पीएम ने कहा कि भारत और जापान के बीच रिश्ते आने वाले समय में और ऊंचाई छुएंगे। पीएम मोदी की इस यात्रा को चीन के गठजोड़ के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। पीएम मोदी ने सीमा पर तनाव को देखते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से समरकंद में कोई भी द्विपक्षीय मुलाकात नहीं की थी।