बिहार में सरकार बदलने से NDA को बड़ा नुकसान, आज हुए लोकसभा चुनाव तो 286 सीटें मिलने का अनुमान-सर्वे – Aaj Tak

अगर आज लोकसभा चुनाव हो जाए तो देश में फिर से एनडीए सरकार बनेगी लेकिन उसे नीतीश कुमार के साथ गठबंधन टूटने का खामियाजा उठाना पड़ेगा. आजतक और सी वोटर के Mood of the Nation (MOTN) सर्वे में यह बात सामने आई है.

सर्वे के मुताबिक अगर 1 अगस्त तक लोकसभा चुनाव होते हैं तो 543 सीटों में एनडीए को 307 सीटें, यूपीए को 125 सीटें जबकि अन्य पार्टियों को 111 सीटें मिलतीं लेकिन अगर बिहार में सरकार बदलने के बाद चुनाव होते हैं तो एनडीए को सीधे 21 सीटों का नुकसान होता. एनडीए को सीटें घटकर 286 हो जातीं वहीं यूपीए को 146 सीटें जबकि अन्य दलों को 111 सीटें मिलतीं.

आजतक और सी-वोटर ने फरवरी 2022 से लेकर 9 अगस्त 2022 तक यह सर्वे किया था. इस सर्वे में 122016 लोगों को शामिल किया गया था. सर्वे की तारीख 9 अगस्त इसलिए तय की गई क्योंकि इस दिन यह तय हा गया थ कि नीतीश कुमार बीजेपी से गठबंधन तोड़ेंगे.

41.4 फीसदी होगा एनडीए का वोट शेयर

वहीं अगर अभी चुनाव होते हैं तो एनडीए को 41.4 फीसदी वोट मिलेंगे, वहीं यूपीए को 28.1 फीसदी और अन्य दलों को 30.6 फीसदी वोट मिलेंगे. यानी इस बार भी एनडीए को यूपीए से 13.3 फीसदी ज्यादा वोट मिलेंगे.

पीएम फेस के लिए मोदी के नाम पर फिर मुहर

सर्वे में लोगों से पूछा गया कि देश का अगला पीएम कौन होगा तो 53 फीसदी लोगों ने नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लगा दी. सर्वें में दूसरे नंबर पर राहुल गांधी का नाम है. उन्हें 9 फीसदी लोगों ने वोट दिए हैं.

वहीं इस सर्वे में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पीछे छोड़ दिया है. केजरीवाल को 6 फीसदी वोट मिले जबकि योगी को 5 फीसदी और शाह को 3 फीसदी वोट मिले हैं.

28.1% ने NDA सरकार के काम को बताया बहुत अच्छा

सर्वे में एनडीए सरकार के कामकाज को जहां 28.1 फीसदी लोगों ने बहुत अच्छा बताया वहीं 23.7 फीसदी ने इसे बहुत खराब भी बताया. हालांकि सर्वे में 28 फीसदी लोग ऐसे भी थे जिन्होंने एनडीए के कामकाज को अच्छे की श्रेणी में रखा. वहीं 8.5 फीसदी ने वर्तमान सरकार के काम को खराब बताया.

42.8% लोग बोले- पीएम मोदी का काम अच्छा

आजतक और सीवोटर के सर्वे के तहत देश में 42.8 फीसदी लोग मानते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अच्छा काम किया है लेकिन उनके काम को केवल 22.7% ने ही उनके काम को बहुत अच्छा बताया. वहीं उनके काम को 13.2% ने खराब और 12.9% ने बहुत खराब बताया.

कोविड काल में मोदी सरकार ने किया बेहतरीन काम 

मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों को लेकर जब लोगों से सवाल किया तो 25 फीसदी ने माना कि कोविडकाल में सरकार ने बेहतरीन काम किया. जबकि 15 फीसदी ने अनुच्छेद 370 हटाने को सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा है.

इसके अलावा भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लिए 12 फीसदी, राम मंदिर और काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के लिए 8 फीसदी, नोटबंदी के लिए 7 फीसदी व एनडीए सरकार की योजनाएं के लिए 6 फीसदी लोगों ने वोट किया.

38% ने माना ईडी-सीबीआई को हो रहा गलत इस्तेमाल

सर्वे में लोगों से सवाल किया गया कि क्या सरकार ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग का गलत इस्तेमाल करती है तो 38 फीसदी ने हां जबकि 41 फीसदी ने नहीं में जवाब दिया.

एनडीए शासन में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ा

आजतक-सीवोटर के सर्वे के मुताबिक एनडीए सरकार में देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ा है. 39 फीसदी लोगों का माना है कि देश में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ गया है, जबकि 34 फीसदी ने कहा है कि सांप्रदायिक सौहार्द में सुधार आया है.

वहीं 9 फीसदी ने कहा कि हालात जस के तस हैं. 18 फीसदी ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया.

सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का बीजेपी-RSS  जिम्मेदार

देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए 20.1 फीसदी लोगों ने बीजेपी और आरएसएस को जिम्मेदार माना है. वहीं 4.7 फीसदी लोगों ने इसके लिए विपक्षी पार्टियों, 3.3 फीसदी लोगों ने मीडिया और सोशल मीडिया जबकि 2.9 फीसदी ने धार्मिक कट्टरतावादी गुटों को इसलिए जिम्मेदार माना है. वहीं सर्वे में 65.8 फीसदी लोगों का कहना है कि देश में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए, जबकि 15.1 फीसदी लोग के इसके पक्ष में नहीं हैं. 
 

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