Rajiv Gandhi Assassination: 16 साल लटकती रही मौत की तलवार, रिहाई पर ये बोला राजीव गांधी हत्याकांड का दोषी – Aaj Tak

स्टोरी हाइलाइट्स

  • सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिया रिहाई का आदेश
  • 31 साल बाद छूटे पेरारिवलन की मां बोलीं- बहुत खुश हूं

Rajiv Gandhi Assassination: देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (rajiv gandhi) की हत्या के मामले में दोषी पेरारिवलन को 31 साल बाद बुधवार को रिहा कर दिया गया है. जेल में अच्छा व्यवहार होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन को छोड़ने का फैसला किया. उनकी रिहाई पर जब आजतक ने उनसे बात की तो पेरारिवलन ने कहा कि उन्हें लंबी लड़ाई के बाद न्याय मिला है और अब वो खुलकर सांस लेना चाहते हैं. आइए जानते हैं कि कैद से छूटने के बाद उन्होंने और क्या कहा.

प्र. आपने 31 साल लंबी लड़ाई जीत ली है, फैसला आते ही सबसे पहले आपके दिमाग में क्या आया?

उ. मैंने सबसे पहले यही सोचा कि आखिरकार सत्य की जीत हुई. मेरी मां को इस फैसले से बड़ी तसल्ली मिली है.

प्र. कई सालों तक आप पर मृत्युदंड की तलवार लटकती रही. क्या भारत में मृत्युदंड का प्रावधान होना चाहिए?

उ. 1198 से लेकर 2014 तक मेरे ऊपर मृत्युदंड की तलवार लटकती रही. मेरा मानना है किसी भी देश में मौत की सजा का प्रावधान नहीं होना चाहिए. तकरीबन 140 देशों में इस पर रोक है. मुझे उम्मीद है भारत में भी ऐसा होगा. जल्द बदलाव किया जाएगा. 

प्र. जिन लोगों ने आपका समर्थन किया, उन्हें क्या कहेंगे?

उ. जिन्होंने मेरा सपोर्ट किया, उन लोगों का शुक्रिया अदा करने के लिए शब्द नहीं हैं. क्योंकि अगर मैं ऐसा करता हूं तो यह सिर्फ एक औपचारिकता रह जाएगी. उनके बिना ये लड़ाई जीतना संभव नहीं था. उन लोगों ने एक आम आदमी का खुलकर पक्ष लिया. यह उस आम आदमी की लड़ाई थी, जिसे फंसाया गया था.

प्र. कहा जाता है कि न्याय में देरी, न्याय से वंचित करने के समान है?

उ. यह एक लंबी कानूनी लड़ाई थी.

प्र. अभी भी 6 लोग ऐसे हैं, जिनकी रिहाई बाकी है?

उ. मैंने आदेश की पूरी कॉपी नहीं पढ़ी है. लेकिन मुझे उम्मीद है कि इससे उन लोगों को भी मदद मिलेगी. उन्हें ही नहीं, बल्कि हर उस कैदी को मदद मिलेगी, जो इस तरह के संघर्ष का सामना कर रहा है.

प्र. अब आपका अगला कदम क्या होगा?

उ. मुझे नहीं पता मैं क्या करूंगा. भविष्य को लेकर मेरे पास कोई योजना नहीं है. मैं लंबे समय तक कानूनी लड़ाई में उलझा रहा. मेरे पास खुशियां मनाने का एक ही कारण है कि मैं रिहा हो गया हूं. अब में खुलकर सांस लेना चाहता हूं.

क्यों मिली थी पेरारिवलन को सजा?

देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हत्‍या कर दी गई. 11 जून 1991 को पेरारिवलन को गिरफ्तार किया गया था. पेरारिवलन पर आरोप लगे कि हत्याकांड में जिस आत्मघाती जैकेट का इस्तेमाल हुआ था, उसमें लगने वाली दो 9 वॉल्ट की बैटरी उसने सप्लाई की थी. कोर्ट में साबित हो गया कि पेरारिवलन ने हत्या के मास्‍टरमाइंड शिवरासन को बैटरी खरीदकर दी थी. घटना के समय पेरारिवलन 19 साल का था. पेरारिवलन ने जेल में रहने के दौरान अपनी पढ़ाई जारी रखी. उसने अच्छे नंबरों से कई डिग्रियां हासिल की.

CM स्टालिन ने की पेरारिवलन की मां से बात

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से रिहा हुए पेरारिवलन की मां अर्पुथम्मल ने बात करते हुए उनका आभार जताया. उन्होंने कहा कि कई निराशाओं के बाद आखिरकार एक अच्छी खबर आई. उन्होंने कहा कि वे एक परिवार के रूप में सीएम से मिलने आएंगी. इस पर सीएम ने कहा कि उन्हें जरूर आना चाहिए.

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