विदेशी खजाना खाली, एक दिन का पेट्रोल, आधे से कम बिजली…हमारी आपकी सोच से कहीं ज्यादा भयावह हैं श्रीलंका के हालात – Navbharat Times

कोलंबो : भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका, कभी बेहद खूबसूरत और खुशहाल देश हुआ करता था। लेकिन एक ‘ड्रैगन’ के जाल में फंसकर अब बर्बादी की कगार पर खड़ा है। पूरे देश में दंगे हो रहे हैं, लोगों की मौत हो रही है और देश की आर्थिक स्थिति बदतर हो चुकी है। हाल ही में महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। अब देश को इस संकट से उबारने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। सोमवार को उन्होंने एक ट्वीट थ्रेड शेयर किया जो उनके भाषण से लिया गया था। इसमें उन्होंने देश के वास्तविक आर्थिक हालात जनता के सामने रखे और कहा कि यही सच है और यह भयावह है।

रानिल विक्रमसिंघे ने अपने ट्वीट थ्रेड में कहा, ‘आने वाले महीने हमारे जीवन के सबसे मुश्किल होंगे। मेरा इरादा जनता से न ही सच छिपाने का है और न ही झूठ बोलने का। हालांकि ये सच बेहद तकलीफदेह और भयावह हैं लेकिन वास्तविक स्थिति यही है।’ उन्होंने बताया, ‘सरकार के पास 1.6 ट्रिलियन श्रीलंकाई रुपए राजस्व बचा है जबकि सरकार का खर्च 2.4 ट्रिलियन श्रीलंकाई रुपए है और बजट घाटा (Budget Deficit) 2.4 ट्रिलियन श्रीलंकाई रुपए (जीडीपी का 13 प्रतिशत) है।’

श्रीलंका के पास सिर्फ एक दिन का पेट्रोल बचा
विक्रमसिंघे ने लिखा, ‘स्वीकृत 3200 बिलियन श्रीलंकाई रुपए ऋण सीमा में से मई के दूसरे हफ्ते तक 1950 बिलियन श्रीलंकाई रुपए ऋण सीमा का इस्तेमाल कर लिया गया है। नवंबर 2019 में देश का विदेशी भंडार 7.5 बिलियन डॉलर था। लेकिन आज 1 मिलियन डॉलर भी जुटाने में देश के खजाने को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।’ तेल संकट पर उन्होंने लिखा, ‘कतारों को कम करने के लिए हमें लगभग 75 मिलियन डॉलर चाहिए। हमारे पास सिर्फ एक दिन का पेट्रोल का स्टॉक बचा है।’

बिजली की कमी से हो सकती है 15 घंटे की कटौती
श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने कहा कि कल एक डीजल शिपमेंट हम तक पहुंचा। 18 मई और 1 जून को भारतीय क्रेडिट लाइन के तहत दो और डीजल शिपमेंट हम तक पहुंचेंगे। 18 मई और 29 मई को दो पेट्रोल शिपमेंट आने बाकी हैं। हम इन शिपमेंट के भुगतान के लिए बाजार में डॉलर प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। बिजली पर विक्रमसिंघे बोले, ‘चूंकि एक चौथाई बिजली का उत्पादन तेल से किया जाता है इसलिए संभावना है बिजली की कटौती दिन में 15 घंटे तक बढ़ जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘कच्चे तेल और फर्नेस ऑयल वाले 3 जहाज 40 दिनों से अधिक समय के लिए श्रीलंका के समुद्री क्षेत्र में मौजूद हैं। इस संकट को टालने के लिए हमें पहले ही पैसा मिल चुका है।’
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देश के सामने दवाओं का भारी संकट
गैस संकट पर विक्रमसिंघे ने कहा, ‘ग्राहकों को गैस मुहैया कराने के लिए हमें तत्काल 20 मिलियन डॉलर की जरूरत है। हम मंगलवार को आने वाली गैस शिपमेंट के लिए भुगतान करने की दिशा में काम कर रहे हैं।’ दवाइयों के संकट पर उन्होंने कहा, ‘दवा और सर्जरी के उपकरण की भारी कमी है। दवा, मेडिकल उपकरण और खाने के आपूर्तिकर्ताओं का चार महीने का भुगतान बकाया है जो करीब 34 बिलियन श्रीलंकाई रुपए है। इन कमियों को दूर करने के लिए समाधान ढूंढ़ा जा रहा है।’

विदेशी सहयोगियों के भरोसे श्रीलंका
उन्होंने लिखा, ‘हमारे सामने काफी चुनौतियां और विपरीत परिस्थितियां आएंगी। हालांकि यह लंबे समय तक नहीं रहेंगी। आने वाले महीनों में हमारे विदेशी सहयोगी हमारी मदद करेंगे। वे पहले ही अपना समर्थन देने का वादा कर चुके हैं। पिछले गुरुवार को मैंने प्रधानमंत्री के रूप में अपना पदभार ग्रहण किया। यह मैंने सिर्फ एक राजनेता के बजाय देश के नेता के रूप में किया है जिसे देश में मुफ्त शिक्षा का लाभ मिला है। मैं अपने देश के प्रति अपना कर्तव्य पूरा करूंगा। यह मेरा आपसे वादा है।’

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