कम्युनिटी ट्रांसमिशन वाली फुल फॉर्म में ओमीक्रोन, कितना खतरा बढ़ गया, जान लीजिए हर एक बात – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • विदेश जाए बिना, बाहरियों के संपर्क में आए बिना ही ओमीक्रोन से इन्फेक्शन का खतरा
  • 2 दिसंबर को देश में ओमीक्रोन का पहला केस मिला था, 7 हफ्तों में पकड़ी रफ्तार
  • मुंबई-दिल्ली जैसे महानगरों में ओमीक्रोन की चपेट में आने का खतरा बढ़ा : INSACOG
  • ओमीक्रोन के ज्यादातर मामले बिना लक्षणों के, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले बढ़े

नई दिल्‍ली : ओमीक्रोन अब भारत में ‘कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन’ की स्‍टेज (Community Transmission Stage Of Omicron In India) में पहुंच गया है। इसके चलते अस्‍पतालों और ICU में भर्ती होने वालों की संख्‍या बढ़ी है। रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में कम्युनिटी स्प्रेड (Community Spread In Delhi & Mumbai) हो चुका है और यहां पर तेजी से मामले सामने आने की संभावना है। INSACOG ने कहा कि ‘खतरे के स्‍तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है।’ यानी ओमीक्रोन वेरिएंट से भी उतना ही खतरा है जितना कोविड के बाकी वेरिएंट्स से है। केंद्र सरकार के तहत आने वाले जीनॉमिक्‍स कंसोर्टियम INSACOG ने अपने ताजा बुलेटिन में यह बात कही है। दिलचस्‍प यह है कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने 2020 के बाद से ‘कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन’ टर्म का इस्‍तेमाल नहीं किया है। INSACOG को स्‍वास्‍थ्‍य और बायोटेक्‍नॉजी मंत्रालय ने CSIR और ICMR के साथ मिलकर शुरू क‍िया था।

डेल्‍टा के चलते आई दूसरी लहर के दौरान, केंद्र सरकार का स्‍टैंड था कि वायरस पूरे देश में एकसमान रूप से नहीं फैला। अलग-अलग जगहों पर महामारी अलग पैटर्न में फैल रही थी, ऐसा केंद्र का कहना था। WHO के अनुसार, कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन वह स्‍टेज होती है जब लोकल लेवल पर बड़ी संख्‍या में संक्रमण फैलता है और उसकी ट्रांसमिशन चैन नहीं मिलती। मतलब संक्रमण कहां से आया, यह स्‍पष्‍ट नहीं होता।

बाहर नहीं, अब अंदर से खतरा
INSACOG ने ताजा बुलेटिन में बताया है कि अब तक के अधिकांश ओमीक्रोन के मामले बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले हैं। मौजूदा लहर में अस्पताल में भर्ती होने और आईसीयू के मामले बढ़ गए हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि ओमीक्रोन का संक्रामक सब-वेरिएंट BA2 भी देश में मिला है। यह भी बताया गया कि अब बाहर से आए व्यक्ति से संक्रमित होने वाले मामलों की बजाय आंतरिक संक्रमण के मामले सामने आएंगे। यह भी कहा गया कि ओमीक्रोन वेरिएंट के कम्युनिटी स्प्रेड से बचने के लिए कोविड अनुरूप व्यवहार, मास्क, सैनिटाइजेशन के अलावा टीकाकरण प्रमुख हथियार है।

तीसरी लहर : केसेज में उछाल पड़ा धीमा

देश में अपनी तरह की पहली स्टडी
बता दें कि भारत में अपनी तरह की यह पहली स्टडी है जो कि ओमीक्रोन के कम्युनिटी ट्रांसमिशन पर की गई है। इसमें संक्रमित लोगों के जीनोम सीक्वेंसिंग के डेटा का अध्ययन किया गया है, जिसमें दिल्ली के पांच जिले दक्षिण दिल्ली, दक्षिणपूर्व दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली शामिल हैं। यह आंकड़े 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच के हैं।

कोरोना की स्पीड बताने वाली R वैल्यू दूसरे हफ्ते भी घटी
महामारी में राहत की खबर IIT मद्रास के विश्लेषण से आई है। इसके मुताबिक, इन्फेक्शन की स्पीड दिखाने वाली ‘R’ वैल्यू देश में लगातार दूसरे हफ्ते गिरी है। जनवरी 14 से 21 के हफ्ते में यह घटकर 1.57 पर आ गई। वहीं, 7 से 13 जनवरी के बीच यह 2.2 थी। यह वैल्यू जितनी कम होगी, कोरोना उतनी ही कम स्पीड से फैलेगा। इस दर के 1 से नीचे जाने का मतलब है महामारी का कमजोर होना। मुबंई की R-वैल्यू 0.67 और दिल्ली की 0.98 है।

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दिल्ली में 19 दिन बाद 10 हजार से कम केस
दिल्ली में 19 दिन बाद कोरोना के 10 हजार से कम मरीज मिले। रविवार को 9,197 केस आए। लगातार 8वें दिन रिकवर होने वाले नए मरीजों से ज्यादा रहे। रविवार को 13,510 मरीज ठीक हुए। चौबीस घंटे में मौतें 34 हुईं, जो 6 दिन में सबसे कम हैं। पॉजिटिविटी रेट भी घटकर 13.32% रहा जो 18 दिन में सबसे कम है। बीती 13 जनवरी को ही दिल्ली में कोरोना के रेकॉर्ड 28,867 केस आए थे। उसके बाद से लगातार मामले घटते जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि एक हफ्ते में दिल्ली में कोरोना काफी हद तक कंट्रोल में होगा।

Omicron-Risk.

देश में ओमिक्रॉन का हो रहा कम्युनिटी स्प्रेड : INSACOG

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