Vishwakarma Aarti And Mantra: भगवान विश्वकर्मा की आरती, हम सब उतारे आरती तुम्हारी हे विश्वकर्मा, हे विश्वकर्मा – Jansatta

Vishwakarma Aarti: विश्वकर्मा पूजा में के समय भगवान विश्वकर्मा की इस आरती को उतारना न भूलें। जिसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

Vishwakarma Ji Ki Aarti: भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर साल 17 सितंबर को की जाती है। मान्यता है भगवान विश्वकर्मा जी के आशीर्वाद से बिजनेस और नौकरी में तरक्की मिलती है। इस दिन लोग अपनी मशीनों, औजारों, उपकरणों की भी पूजा करते हैं। विश्वकर्मा पूजा में के समय भगवान विश्वकर्मा के मंत्रों का जाप भी जरूर करना चाहिए और विधिवत पूजा करने के बाद इनकी आरती उतारना भी न भूलें।

भगवान विश्वकर्मा की आरती:
हम सब उतारे आरती तुम्हारी हे विश्वकर्मा, हे विश्वकर्मा।
युग–युग से हम हैं तेरे पुजारी, हे विश्वकर्मा…।।
मूढ़ अज्ञानी नादान हम हैं, पूजा विधि से अनजान हम हैं।
भक्ति का चाहते वरदान हम हैं, हे विश्वकर्मा…।।
निर्बल हैं तुझसे बल मांगते, करुणा का प्यास से जल मांगते हैं।
श्रद्धा का प्रभु जी फल मांगते हैं, हे विश्वकर्मा…।।
चरणों से हमको लगाए ही रखना, छाया में अपने छुपाए ही रखना।
धर्म का योगी बनाए ही रखना, हे विश्वकर्मा…।।
सृष्टि में तेरा है राज बाबा, भक्तों की रखना तुम लाज बाबा।
धरना किसी का न मोहताज बाबा, हे विश्वकर्मा…।।
धन, वैभव, सुख–शान्ति देना, भय, जन–जंजाल से मुक्ति देना।
संकट से लड़ने की शक्ति देना, हे विश्वकर्मा…।।
तुम विश्वपालक, तुम विश्वकर्ता, तुम विश्वव्यापक, तुम कष्टहर्ता।
तुम ज्ञानदानी भण्डार भर्ता, हे विश्वकर्मा…।।
भगवान विश्वकर्मा की जय। भगवान विश्वकर्मा की जय।

विश्वकर्मा पूजा मंत्र: विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनने चाहिए। फिर भगवान विश्वकर्मा की विधि विधान पूजा करने के बाद आपको रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र की एक माला जाप करनी चाहिए।
मंत्र: ओम आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:।

(यह भी पढ़ें- Vishwakarma Puja 2021: कैसे करें भगवान विश्वकर्मा की पूजा, जानिए पूरी विधि विस्तार से यहां)

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विश्वकर्मा पूजा विधि:
-संभव हो तो इस दिन सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करें।
-पूजा स्थल की साफ़ सफाई कर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करें।
-फिर भगवान को सफ़ेद रंग के फूलों से बना माला पहनाएं।
-धुप, दीप जलाकर भगवान की पूजा अर्चना करें।
-इसके बाद औजार, मशीन आदि चीजों की बारी-बारी पूजा करें।
-इस दिन विश्वकर्मा भगवान को पांच प्रकार के तत्वों को मिलाकर पंचमेल प्रसाद बनाकर अर्पित करें।
-अंत में आरती करके और प्रसाद चढ़ाकर पूजा संपन्न करें।

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