GST Council Meeting Updates: जीएसटी में शामिल नहीं होगा पेट्रोल-डीजल, राज्यों ने किया विरोध – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • जीएसटी के दायरे में नहीं आएगा पेट्रोल और डीजल
  • कोरोना की दवाओं पर जीएसटी छूट 31 दिसंबर तक बढ़ी
  • कैंसर संबंधी ड्रग्स पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5%
  • जोमैटो और स्विगी जैसी फूड डिलीवरी पर कोई नया टैक्स नहीं

नई दिल्ली
राज्यों ने पेट्रोल और डीजल (Petrol and Diesel) को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में आज लखनऊ में हुई जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई लेकिन राज्यों ने इसका विरोध किया। सीतारमण ने कहा कि यह मुद्दा केरल हाई कोर्ट के ऑर्डर पर बैठक के एजेंडे में आया। जीएसटी के सदस्यों ने इसका विरोध किया। काउंसिल ने माना कि यह पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में लाने का सही समय नहीं है।

सीतारमण ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल करने के मुद्दे पर चर्चा हुई। कई राज्यों ने कहा कि वे पेट्रोलियम प्रॉडक्टस को जीएसटी में नहीं लाना चाहते हैं। यह तय हुआ है कि काउंसिल को यह बात केरल हाई कोर्ट को बतानी चाहिए कि इस मामले पर चर्चा हुई है। काउंसिल ने महसूस किया कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने का यह सही समय नहीं है।बैठक में जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Swiggy) जैसी रेस्टोरेंट सर्विस प्रोवाइडर्स और यात्री परिवहन से जुड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर टैक्स लगाने का फैसला किया गया। उन पर 1 जनवरी, 2022 से 5 प्रतिशत जीएसटी लेने का निर्णय किया गया।

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16 करोड़ की दवा जीएसटी से मुक्त
उन्होंने कहा कि काउंसिल ने कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) की दवाओं पर जीएसटी छूट 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दी है। यह छूट केवल दवाओं पर बढ़ाई गई है, मेडिकल इक्विपमेंट्स पर नहीं। कुछ चिकित्सा उपकरण पर रियायती कर की व्यवस्था 30 सितंबर को समाप्त हो जाएगी। Amphotericin B और Tocilizumab पर 31 दिसंबर तक कोई जीएसटी नहीं लगेगा।

काउंसिल ने साथ ही मस्कुलर एट्रॉफी के इलाज में काम आने वाली दवाओं Zolgensma और Viltepso को भी जीएसटी में छूट देने का फैसला किया है। ये बहुत खास दवाएं हैं जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपये है। यह छूट पर्सनल यूज के लिए आयात की जाने वाली दवाओं पर मिलेगी। अब तक इन पर 12 फीसदी जीएसटी लगता था। कैंसर संबंधी ड्रग्स जैसे कीट्रूडा (keytruda) पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% की गई है।
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बायोडीजल पर घटा जीएसटी
सीतारमण ने कहा कि लीज पर लेने के लिए विमानों के आयात पर आईजीएसटी नहीं लगेगा। काउंसिल ने साथ ही रेलवे पार्ट और लोकोमोटिव्स पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का फैसला किया है। बायोडीजल पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। जीएसटी काउंसिल ने गुड्स कैरीज के लिए राज्यों द्वारा ली जाने वाली नैशनल परमिट फीस में छूट देने का फैसला किया है।पोषक तत्वों से युक्त चावल केरनेल पर जीएसटी 18 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत कर दिया।

काउंसिल ने सभी प्रकार के पेन (कलम) पर 18 प्रतिशत की एकल दर से जीएसटी जबकि विशिष्ट नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर 12 प्रतिशत माल एवं सेवा कर लगाने का निर्णय किया गया है। सीतारमण ने कहा कि परिषद ने जूता-चप्पल और कपड़ों पर 1 जनवरी, 2022 से उल्टा शुल्क ढांचे (कच्चे माल पर कम और तैयार माल पर अधिक शुल्क) को ठीक करने को लेकर सहमति जताई है।

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20 महीने बाद पहली फिजिकल बैठक
सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 45वीं बैठक में गुजरात को छोड़कर लगभग सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (Union Territories) के वित्त मंत्री शामिल हुए। इसमें केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने भी हिस्सा लिया। कोविड-19 महामारी के बाद आमने-सामने बैठकर हुई यह परिषद की पहली बैठक थी। इस तरह की आखिरी बैठक 20 महीने पहले 18 दिसंबर 2019 को हुई थी। उसके बाद से परिषद की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ही हो रही थी।
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देश में जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई, 2017 से लागू हुई थी। जीएसटी में केंद्रीय कर मसलन उत्पाद शुल्क और राज्यों के शुल्क मसलन वैट को समाहित किया गया था। लेकिन पेट्रोल, डीजल, एटीएफ, प्राकृतिक गैस तथा कच्चे तेल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इसकी वजह यह है कि केंद्र और राज्य सरकारों दोनों को इन उत्पादों पर कर से भारी राजस्व मिलता है।



जीएसटी काउंसिल का यह 45वीं बैठक थी।

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