गुजरात मंत्रिमंडल: भाजपा ने ‘सारे घर के बदल डाले’, उम्मीदों की नाव पर सवार नए चेहरों के साथ उतरेगी चुनाव में – अमर उजाला – Amar Ujala

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: प्रतिभा ज्योति
Updated Thu, 16 Sep 2021 03:36 PM IST

सार

गुजरात में नए मंत्रिमंडल ने गुरुवार को शपथ ली। कुल 24 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है। संभवत: राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब नए मुख्यमंत्री के साथ पूरी टीम बदल दी गई है। 

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की नई कैबिनेट
– फोटो : Twitter : @BJP4Gujarat

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विस्तार

अगले साल गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नए मंत्रिमंडल का गठन हो गया है। पिछले मंत्रिमंडल के किसी चेहरे को इसमें जगह नहीं दी गई है। खास बात ये है कि शपथ ग्रहण से ठीक पहले विधानसभा स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। लेकिन कुछ ही देर बाद उन्होंने बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ दिलाई गई। पूरे विजय रूपाणी कैबिनेट को ‘नो रिपीटिशन’ नीति के तहत बाहर कर दिया गया है और भूपेंद्र पटेल कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल किया गया है। 

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कहा जा रहा है कि यही फॉर्मूला भाजपा ने गुजरात के निकाय चुनाव में आजमाया था और सफल रही थी। इसलिए पार्टी को पूरा भरोसा है कि उसका यह आजमाया फॉर्मूला विधानसभा चुनाव में भी कामयाब होगा। भाजपा ने पहली बार यह प्रयोग गुजरात में किया है कि मंत्रिमंडल में सारे चेहरे नए रखे हैं और विजय रूपाणी की 22 मंत्रियों वाली पूरी टीम की छुट्टी कर दी गई है। अगले साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा किसी भी तरह का जोखिम लेने को तैयार नहीं है इसलिए पूरी टीम को बदलने से भी उसे गुरेज नहीं है। 

सत्ता विरोधी लहर की विदाई 

माना जा रहा है कि नई टीम में किसी भी पुराने मंत्रियों को जगह इसलिए नहीं दी गई है कि ताकि सत्ता विरोधी लहर की आंच नए मुख्यमंत्री और नए मंत्रिमंडल तक नहीं पहुंचे। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि सरकार में अब सभी चेहरे नए हैं। पूरी टीम के बदल जाने से गुजरात में अब सत्ता विरोधी लहर ही नहीं बची। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उनकी टीम के साथ ही इसकी विदाई हो गई है। पूरी टीम को बदल देने से जनता के सामने नई चेहरे होंगे। नई टीम नई ऊर्जा से सराबोर होगी और केंद्र सरकार की उम्मीदों के नाव पर सवार भी। गुजरात के विधानसभा चुनाव में नाम भूपेंद्र पटेल का चलेगा और चेहरा होंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। 

नई टीम के साथ काम करने में सहज होंगे नए सीएम

विश्लेषक यह भी मानते हैं कि नई टीम के होने से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल नई टीम के साथ सहजता से काम कर सकेंगे। पुरानी टीम के ज्यादातर सदस्य जिनमें उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल भी शामिल थे वे पहली बार 2017 में विधायक बने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से सीनियर हैं। नई टीम के साथ नई मुख्यमंत्री के लिए काम करना आसान रहेगा। यदि पुराने मंत्रिमंडल से किसी को रखते तो विवाद की स्थिति बनी रहती, क्योंकि जिन लोगों को नहीं लिया गया वे पार्टी के लिए परेशानी का कारण बन सकते थे। 

पूरी टीम को बदलने के कारण चल रही कवायद और तनाव की वजह से नए कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह को बुधवार को दो बार स्थगित किया गया था। गुजरात बीजेपी में इस बात को लेकर बहुत अधिक तनाव महसूस किया था जब पुराने मंत्रियों को इस बात की जानकारी मिली थी कि भाजपा नेतृत्व पुरानी पूरी कैबिनेट को बदलना चाहती है। 

भाजपा ने खेला बड़ा दांव

दरअसल माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रिमंडल में नए टीम बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा दांव खेला है। विजय रूपाणी जिनके सहारे पार्टी को अपनी नैया पार लगना मुमकिन नहीं लगा उन्हें हटाकर भाजपा ने भूपेंद्र पटेल को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया अब वे ही भाजपा के विजय रथ को आगे बढ़ाएंगे। पार्टी ने साफ कहा है कि नए मुख्यमंत्री की अगुवाई में ही भाजपा 2022 के चुनाव में उतरेगी। पार्टी ने पूरी टीम बदलकर दूसरे राज्यों और नेताओं को भी यह साफ संदेश दे दिया है कि काम नहीं तो पद नहीं। शनिवार को अचानक विजय रूपाणी के इस्तीफा देने के बाद भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। 

राज्य प्रमुखों के चुनाव से ठीक एक साल पहले मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को बदलने का भाजपा का निर्णय जातिगत गणित से भी प्रेरित लगता है। मुख्यमंत्री के रूप में भूपेंद्र पटेल की पसंद से भाजपा को  पटेल-पाटीदार समुदाय को शांत करने और पिछले चुनावों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए अपने मूल मतदाताओं को साधे रखने में मदद मिल सकती है। 2017 में मुख्यमंत्री के रूप में रूपाणी के साथ हुए राज्य चुनावों ने पार्टी की संख्या को दो आंकड़ों तक ला दिया। बीजेपी का वोट शेयर कांग्रेस से महज 7 फीसदी ज्यादा था।

 

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