हाइलाइट्स
- यूक्रेन के डेप्युटी विदेश मंत्री ने दावा किया कि उनका एक विमान अफगानिस्तान में हाईजैक कर लिया गया
- यह विमान यूक्रेन के नागरिकों को काबुल से निकालने के लिए आया था और उसे ईरान ले जाया गया है
- यह विमान किन लोगों ने हाइजैक किया है, अभी इसका पता नहीं चल पाया है लेकिन वे हथियारबंद थे
काबुल
तालिबान संकट के बीच यूक्रेन के डेप्युटी विदेश मंत्री ने दावा किया कि उनका एक विमान अफगानिस्तान में हाईजैक कर लिया गया है। यह विमान यूक्रेन के नागरिकों को काबुल से निकालने के लिए आया था। उन्होंने कहा कि विमान को ईरान ले जाया गया है। यह विमान किन लोगों ने हाइजैक किया है, अभी इसका पता नहीं चल पाया है। यूक्रेन का यह विमान ऐसे समय पर हाइजैक किया गया है जब अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के लिए दुनियाभर के देश दिन-रात एक किए हुए हैं।
इस बीच ईरान ने दावा किया है कि यह विमान उनके यहां तेल लेने के लिए उतरा था और बाद में कीव के लिए रवाना हो गया। उन्होंने अपहरण की बात को खारिज किया है। बताया जा रहा है कि इस विमान को पिछले सप्ताह काबुल भेजा गया था। अब अज्ञात लोग इस विमान को ईरान लेकर गए हैं। बताया जा रहा है कि अपहरण करने वाले लोग हथियारबंद थे। इससे पहले भी यूक्रेन ने अपने नागरिकों को निकालने की कोशिश की थी लेकिन वे एयरपोर्ट पर नहीं पहुंच सके थे। अब विमान के अपहरण के बाद अटकलों का बाजार गरम हो गया है।
100 यूक्रेनी नागरिक काबुल में फंसे
यूक्रेन के मंत्री ने यह नहीं बताया कि उनके प्लेन के साथ क्या हुआ और क्या उनका देश इस विमान को वापस लाएगा या फिर काबुल से यूक्रेन के नागरिक कैसे वापस आएंगे। उन्होंने कहा कि राजनयिक प्रयास किए जा रहे हैं। इससे पहले रविवार को 31 यूक्रेनी नागरिकों समेत 83 लोगों को एक सैन्य ट्रांसपोर्ट विमान से लाया गया था। राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा था कि यूक्रेनी सेना के 12 लोग भी वापस आए हैं। उन्होंने बताया कि 100 यूक्रेनी नागरिक काबुल में फंसे हुए हैं।
इससे पहले तालिबान ने धमकी दी कि अगर 31 अगस्त तक सैनिकों की वापसी का काम पूरा नहीं हुआ तो अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अमेरिका राष्ट्रपति ने पहले सैनिकों की वापसी के लिए 11 सितंबर की तारीख का लक्ष्य रखा था जिसे बाद में 31 अगस्त कर दिया गया। इस धमकी के बाद अन्य देशों ने भी अपने अभियान को तेज कर दिया है।
31 अगस्त के बाद नहीं दिया जाएगा समय
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति साफ कर चुके हैं कि सैनिकों की वापसी का काम 31 अगस्त तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने अपनी बात पर कायम रहना चाहिए। तालिबान ने धमकी दी है कि वह 31 अगस्त के बाद एक भी दिन का समय नहीं देगा। अगर सैनिकों की वापसी के लिए उससे आगे का समय मांगा गया तो उसका जवाब ‘नहीं’ होगा। साथ ही इन देशों को इसके गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं।