हाइलाइट्स
- सैनिकों की वापसी को लेकर तालिबान ने दी अमेरिका की खुली धमकी
- 31 अगस्त तक वापस नहीं बुलाए सैनिक तो भुगतना होंगे गंभीर परिणाम
- प्रवक्ता ने कहा, ’31 अगस्त के बाद हम नहीं करेंगे एक दिन की भी गुंजाइश’
काबुल
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों सैनिकों की वापसी का अभियान 31 अगस्त तक पूरा हो जाएगा। इस बीच देश छोड़कर जाते सैनिकों को लेकर तालिबान ने अमेरिका को खुली धमकी दी है। तालिबान ने कहा है कि अगर 31 अगस्त तक सैनिकों की वापसी का काम पूरा नहीं हुआ तो अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अमेरिका राष्ट्रपति ने पहले सैनिकों की वापसी के लिए 11 सितंबर की तारीख का लक्ष्य रखा था जिसे बाद में 31 अगस्त कर दिया गया।
31 अगस्त के बाद नहीं दिया जाएगा समय
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति साफ कर चुके हैं कि सैनिकों की वापसी का काम 31 अगस्त तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने अपनी बात पर कायम रहना चाहिए। तालिबान ने धमकी दी है कि वह 31 अगस्त के बाद एक भी दिन का समय नहीं देगा। अगर सैनिकों की वापसी के लिए उससे आगे का समय मांगा गया तो उसका जवाब ‘नहीं’ होगा। साथ ही इन देशों को इसके गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं।
तीन जिलों पर किया कब्जा
अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद भी तालिबान के मंसूबे पूरे नहीं हुए हैं। पूरे मुल्क पर कब्जा करने के लिए वह लगातार आगे बढ़ रहा है। सोमवार को खबर आई कि तालिबान ने बगलान प्रांत के तीन जिलों पर कब्जा कर लिया। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने दावा किया है कि बगलान प्रांत के पुल-ए-हिसाल, बन्नू, देह सालेह जिलों को ‘दुश्मन’ के कब्जे से आजाद करवा लिया गया है।
नॉर्दर्न एलायंस से खाली करवाए इलाके
इन जिलों को नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों ने खाली करवा लिया था। अब तालिबान नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों के कब्जे से जिलों को वापस लेने का दावा कर रहा है। प्रवक्ता ने दावा किया कि तालिबान ने तखर, बदख्शां और अंदराब दिशाओं से पंजशीर को घेर लिया है और बातचीत के माध्यम से समस्या को हल करने की कोशिश कर रहा है। काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान के लड़ाके अब विद्रोहियों के गढ़ पंजशीर घाटी की ओर बढ़ रहे हैं।