महबूबा मुफ्ती की केंद्र को चेतावनी- अभी भी वक्त है संभल जाओ नहीं तो मिट जाओगे, पड़ोस में देखो क्या हुआ – News18 हिंदी

नई दिल्ली: तालिबान ने अफगानिस्तान (Afghanistan) पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है और अब जल्दी तालिबानी सरकार (Taliban Government) का गठन भी हो सकता है. अब भारत में कुछ राजनीतिक नेता जम्मू कश्मीर को लेकर तालिबान से तुलना कर रहे हैं और केंद्र सरकार के चुनौती दे रहे हैं. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने शनिवार को तालिबान से तुलना करते हुए कहा कि देखें कैसे आतंकवादी समूह ने अफगानिस्तान से शक्तिशाली अमेरिका को बाहर निकाल फेंका है.

उन्होंने मोदी सरकार से जम्मू कश्मीर की जनता से बातचीत करने और जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने की अपील की. महबूबा मुफ्ती ने यह सारी बातें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी मां गुलशन नजीर से करीब तीन घंटे तक पूछताछ किए जाने के बाद पत्रकार वार्ता में कहीं.

संभल जाओ अभी भी वक्त है नहीं तो मिट जाओगे

शनिवार को उन्होंने एक सभा को संबोधित हुए केंद्र को चेतावनी दी और कहा कि अभी भी अपनी गलती को सुधार लोग और जम्मू कश्मीर से जो गैरकानूनी तरीके से लूटा है उसे वापस लौटाओ. उन्होंने कहा कि जिस तरह से अटल बिहारी वाजपेयी ने यहां आकर बातचीत की थी उसी तरह यहां के लोगों से और पड़ोस के लोगों से आकर बात करें. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अभी तो जम्मू कश्मीर के लोग बर्दाश्त कर रहे हैं लेकिन जिस वक्त यह बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा आप भी नहीं रहोगे. आप पूरी तरह से मिट जाओगे. उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि मैं बार बार कहती हूं कि सुधर जाओ संभल जाओ. पड़ोस में देखो क्या हो रहा है अमेरिका जैसी ताकत को बोरिया बिस्तर बांध कर जाना पड़ा.

पीडीपी अध्यक्ष के इस बयान पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कल पीएम मोदी ने कहा था कि सहिष्णुता हमारी संस्कृति और परंपरा है लेकिन आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस हमारा संकल्प है। उस संकल्प के साथ, भारत और उसके लोग आगे बढ़ रहे हैं। इस तरह के बयान देने वालों के कुछ द्वेषपूर्ण इरादे हैं.

संस्थाओं का तालिबानीकरण हो गया है
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि जो संस्थाएं हमारे अधिकारों की रक्षा करने और भारत की भावना ओर संविधान को बनाए रखने के लिए थीं उनका आज तालिबानीकरण कर दिया गया. इसके साथ ही उन्होंने मीडिया का तालिबानीकरण करने का भी आरोप लगाया.

राष्ट्रीय एजेंसी का इस्तेमाल हथियार के रूप में
जब उनसे ईडी द्वारा पूछताछ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह सब सोची समझी रणमीति के तहत है. मैंने परिसीमन आयोग से मिलने से मना कर दिया तो मुझे समन भेज दिया गया मैंने 5 अगस्त को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया तो मुझे समन भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि एनआईए और ईडी जैसी राष्ट्रीय एजेंसियां गंभीर कामों के लिए होती हैं, लेकिन यह देश का दुर्भाग्य है कि इनका प्रयोग आज हथियारों के रूप में किया जा रहा है.

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