अफगानिस्तान फतह कर उसपर राज करने के लिए बेकरार तालिबान को करारा झटका लगा है। बाघलान प्रांत में स्थानीय विरोधी गुटों ने तालिबान से तीन जिले छीन लिये हैं। बाघलान प्रांत में स्थानीय विरोधी गुटों ने बानू और पोल-ए-हेसर जिलों पर फिर से कब्जा कर लिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आई खबरों के मुताबिक तालिबान और विरोधियों के बीच यहां भारी गोलीबारी हुई है। इस गोलीबारी में तालिबान को भारी नुकसान होने की खबर है। तालिबान के विरोधियों ने कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर डाली हैं। जानकारी के मुताबिक जेहादी ग्रुप और एक मिलिट्री कमांडर अहमद मसूद के बीच बैठक भी चल रही है।
अफगानिस्तान की लोकल न्यूज एजेंसी अशवाका ने बताया है कि लोकल विद्रोही गुटों ने पोल-ए-हेसर, डेह सलाह और बानो जिलों को तालिबान के कब्जे से छुड़ा लिया है। बाघलान के स्थानीय पत्रकार ने बताया कि इस लड़ाई में कई तालिबान लड़ाके मारे गए हैं। उधर, स्थानीय लोगों की बढ़ती ताकत से तालिबान के लड़ाके घबराए हुए हैं। इससे पहले अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने खुद को देश का कार्यवाहनक राष्ट्रपति घोषित कर दिया। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वो तालिबान के खिलाफ लड़ाई में उनके साथ आ जए। इससे पहले यह भी खबर आई थी कि सालेह की सेना ने परवान प्रक्षेत्र के चारीकार इलाके पर कब्जा कर लिया। यह प्रक्षेत्र नॉर्थ काबुल में आता है।
आपको बता दें कि पंजशीर ही एक ऐसा प्रक्षेत्र है जिसपर तालिबान का अब तक नियंत्रण नहीं हो पाया है। अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह, अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और बल्ख प्रांत के पूर्व गवर्नर अता मुहम्मद नूर विद्रोहियों का नेतृत्व कर रहे हैं। तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा कर लिया था। तालिबान के कब्जे के बाद काबुल एयरपोर्ट से हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आई थीं। इसके अलावा मानवाधिकार उल्लंघन की खबरें भी सामने आई थीं। पत्रकारों पर भी ढूंढ-ढूंढ कर हमले किये गये।