तालिबान की सरकार में हक्कानी गुट का होगा बड़ा रोल, अफगानिस्तान में इसलिए इन्हें माना जाता है बेहद खतरनाक – Hindustan

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान के कुछ प्रमुख नेता जुटा रहे हैं। इनके यहां जुटने का मकसद नई सरकार के गठन को लेकर बातचीत करना है। यहां जुट रहे आतंकी नेताओं में हक्कानी गुट भी है, जो यहां का सबसे खतरनाक आतंकी गुट माना जाता है। हक्कानी गुट को हालिया समय में यहां पर कुछ बेहद खतरनाक हमलों को अंजाम देने के लिए जाना जाता है। इतनी खतरनाक छवि होने के बावजूद माना जा रहा है कि अफगानिस्तान में बन रही नई तालिबान सरकार में हक्कानी का अहम रोल होगा। 

आखिर कौन हैं हक्कानी? 
इस ग्रुप को जलालुद्दीन हक्कानी ने तैयार किया था। 1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ जेहाद में इस ग्रुप ने काफी महत्व हासिल किया था। सीआईए के लिए यह किसी खजाने की तरह था। इस ग्रुप से जुड़े मुजाहिदीनों को अमेरिका और पाकिस्तान से पैसे और हथियार मिलते थे। बाद में सोवियत संघ के अफगानिस्तान से जाने के बाद जलालुद्दीन हक्कानी ने विदेश जेहादियों से संबंध बनाए जिसमें ओसामा बिन लादेन भी शामिल था। इसके बाद 1996 में अफगानिस्तान पर काबिज होने वाले तालिबान के साथ हक्कानी गुट के संबंध बने। 

तालिबान का नजदीकी साथी
साल 2018 में जलालुद्दीन हक्कानी की मौत के बाद उसका बेटा सिराजुद्दीन इस नेटवर्क का मुखिया बन गया। अपनी दौलत, सैन्य बल और खूंखार पहचान के चलते वह तालिबान का नजदीकी साथी बन चुका है। अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से समेत पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में अपनी पकड़ रखने वाला यह ग्रुप तालिबान के नेतृत्व में पिछले कुछ समय में ज्यादा तेजी से उभरा है। सिराजुद्दीन का छोटा भाई अनस, जिसे पिछली अफगान में मौत की सजा हुई थी, सरकार गिरने के बाद हामिद करजई के साथ बातचीत तक में शामिल हुआ था।

क्यों है हक्कानी गुट की इतनी दहशत?
पिछले दो दशक में हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में सबसे खतरनाक हमलों को अंजाम दिया है। वह अमेरिका द्वारा मान्यता प्राप्त विदेशी आतंकी संगठन है और यूएन से भी उसे मान्यता मिली हुई है। हक्कानी नेटवर्क की सबसे बड़ी पहचान यह है कि वह अक्सर आत्मघाती हमलावरों का इस्तेमाल करता है। कार या ट्रक में विस्फोटक भरकर इनके लड़ाके हमला करते हैं। यह सैन्य भवनों और दू्तावासों पर हमला करने के लिए भी कुख्यात हैं। अक्टूबर 2013 में अफगान सेना ने पूर्वी अफगानिस्तान में एक हक्कानी ट्रक को पकड़ा था। इस ट्रक में करीब 28 टन विस्फोटक भरा हुआ था। 

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