तालिबान का नाम ले महबूबा मुफ्ती ने केंद्र को ‘धमकाया’, बोलीं- देखो कैसे अमेरिका को खदेड़ा, जम्मू-कश्मीर पर करो बात – Jansatta

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार वाजपेयी के सिद्धांत पर वापस नहीं आती है और बातचीत शुरू नहीं करती है तो बर्बादी होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीरी कमजोर नहीं हैं।

जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है उन्होंने कहा है कि भारत अपने पड़ोसी अफगानिस्तान को देखे। जहां से अमेरिका को अपनी सेना बुलानी पड़ी है। अमेरिका बोरिया-बिस्तर बांधकर वापस जाने को मजबूर हुआ है। केंद्र सरकार को भी जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार वाजपेयी के सिद्धांत पर वापस नहीं आती है और बातचीत शुरू नहीं करती है तो बर्बादी होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीरी कमजोर नहीं हैं। वो काफी बहादुर और धैर्यवान हैं। धैर्य रखने के लिए बहुत साहस चाहिए। जिस दिन धैर्य की दीवार टूट जाएगी, तुम परास्त हो जाओगे। बताते चलें कि करीब 20 वर्षों के बाद एक बार फिर तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा हो गया है। अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद यह संभव हो पाया है। जिसके बाद से दुनिया भर में लोग यह मान रहे हैं कि तालिबान ने अमेरिका को अफगानिस्तान से खदेड़ दिया है।

इधर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान के सामरिक सुरक्षा उद्देश्य लगभग निश्चित रूप से भारतीय प्रभाव का मुकाबला करना और पाकिस्तानी क्षेत्र में अफगान गृह युद्ध के अप्रत्यक्ष असर को कम करना है।

इधर लगातार बदलते हालात के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी काबुल की यात्रा पर जाने वाले हैं। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में ‘सकारात्मक भूमिका’ निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने तालिबान से अपील की कि परस्पर विचार-विमर्श से समग्र राजनीतिक सरकार का खाका तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में कोई खून-खराबे का सामना करने के लिए तैयार नहीं है। इधर अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद भारत अपनी कदमों को लेकर काफी सावधान हो गया है।कई लोगों का मानना है कि तालिबान के शासन के बाद कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा सकता है।

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