अफगानिस्तान के हालात पर करीबी नजर रख रहा भारत, काबुल से कर्मचारियों को निकालने को विमान तैयार – Hindustan

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के युद्धग्रस्त देश छोड़ कर चले जाने के बाद भारत ने काबुल से अपने सैकड़ों अधिकारियों और नागरिकों को निकालने के लिए आकस्मिक योजनाएं बनाई हैं। दरअसल, गनी के देश छोड़ कर चले जाने से करीब दो दशक बाद तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर फिर से कब्जा करने का मंच तैयार हो गया है। घटनाक्रम पर नजर रख रहे लोगों ने कहा कि भारत काबुल में भारतीय दूतावास के अपने कर्मचारियों और भारतीय नागरिकों की जान जोखिम में नहीं डालेगी तथा जरूरत पड़ने पर आपात स्थिति में उन्हें वहां से निकालने के लिए योजनाएं बना ली गई हैं।

उन्होंने बताया, ‘सरकार अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रही है। हम काबुल में भारतीय दूतावास में अपने कर्मचारियों की जान खतरे में नहीं डालेंगे।’ हालांकि, अफगानिस्तान में तेजी से हो रहे घटनाक्रम पर भारत की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।

अमेरिका में हुए 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमलों के बाद अमेरिका नीत सैन्य बलों ने तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता से अपदस्थ कर दिया था। इस बीच, तालिबान के रविवार सुबह राजधानी काबुल में प्रवेश करने की खबरों के बाद वहां लोगों में डर पैदा हो गया है।

अफगानिस्तान के ‘टोलो’ न्यूज की खबर के अनुसार गनी और उनके करीबी साथी लगभग सभी बड़े शहरों और प्रांतीय राजधानियों पर तालिबान के कब्जे और राजधानी काबुल में उसके प्रवेश के बाद देश छोड़कर चले गए हैं।

यह पूछे जाने पर कि काबुल से भारतीय कर्मचारियों और नागरिकों को कब निकाला जाएगा, इस पर उन्होंने कहा कि जमीनी हालात को देखते हुए फैसले लिए जाएंगे। माना जा रहा है कि भारतीय वायु सेना के सैन्य परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर के एक बेड़े को लोगों तथा कर्मचारियों को निकालने के लिए तैयार रखा गया है।

काबुल से प्राप्त खबरों के अनुसार, तालिबान के लड़ाकों ने शहर के बाहरी इलाकों में प्रवेश कर लिया है जिससे निवासियों में डर और घबराहट पैदा हो गयी है। पिछले कुछ दिनों में तालिबान ने अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा जमा लिया है। उसने कंधार, हेरात, मजार-ए-शरीफ और जलालाबाद जैसे शहरों समेत 34 में से 25 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा जमा लिया है।

वहीं, काबुल में हालात बिगड़ने पर अमेरिका और कई अन्य देशों के दूतावासों ने शहर से अपने कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया है।

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