दिल्ली में इतने कम केस, फिर भी किनकी जान ले रहा है कोरोना वायरस, जानें क्या बता रहे एक्सपर्ट्स – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • डॉक्टर्स बोले- फिलहाल कोरोना के गंभीर मामलों में जा रही है लोगों की जान
  • कैंसर, अस्थमा व अन्य बीमारी के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रहा वायरस
  • कुछ मामलों में 50 से कम उम्र वालों की भी मौत, लंबा इलाज भी कारगर नहीं

नई दिल्ली
कोविड महामारी अब दिल्ली में नियंत्रण में है। लेकिन अभी भी मौत का आंकड़ा जीरो नहीं हुआ है। औसतन एक से दो मरीजों की मौत रोजाना हो ही जा रही है। हालांकि, दूसरी वेव के बाद अब तक छह बार ऐसा हो चुका है, जब पिछले 24 घंटे में किसी की मौत नहीं हुई। लेकिन, पिछले 10 दिनों में 15 की मौत हुई है। हालांकि, जिन मरीजों की मौत हो रही है, उसमें से अधिकांश लंबे समय से संक्रमित और कैंसर जैसे कोमॉरबिडिटीज के शिकार ज्यादा हैं। डॉक्टरों का कहना है कि न केवल बुजुर्ग, बल्कि 50 साल से नीचे वालों की भी मौत हो रही है, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम है। डॉक्टरों का कहना है कि अभी जो मौत हो रही हैं वह कोविड सीवियर होने की वजह से हो रही है, न कि सुविधाओं की कमी की वजह से।

पहली डोज लगने के बाद भी बुजुर्ग की मौत
26 जुलाई को 72 साल के किरनपाल की मौत हो गई। उनके बेटे अनुज ने बताया कि 20 जुलाई की रात को उन्हें पहले बेचैनी हुई और बाद में दौरे आने लगे। उन्हें मैक्स पटपड़गंज अस्पताल लेकर गए। डॉक्टर ने हाई बीपी और ब्रेन हैमरेज बताया। उस समय तक उनकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव थी। 22 जुलाई को उन्हें हमने एलएनजेपी में शिफ्ट कराया। जहां पर वो कोविड पॉजिटिव मिले। अनुज ने कहा कि डॉक्टर ने बताया कि उनके लंग्स में पानी भर गया है और न्यूमोनिया हो गया है। अनुज ने कहा कि मेरे पिताजी को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी थी। लेकिन इसके बाद भी वो संक्रमित हो गए। हालांकि, बाकी परिवार की रिपोर्ट निगेटिव आई। उन्होंने कहा कि 26 जुलाई को उन्हें अटैक आया और उनकी डेथ हो गई।

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उम्र 33 साल, कोई बीमारी नहीं, फिर भी मौत
नांगलोई निवासी 33 साल की श्वेता की मौत 2 अगस्त को हुई। उनके पति वरुण गुप्ता ने कहा कि 31 जुलाई को उनकी पत्नी का ऑक्सिजन लेवल 55-60 पर आ गया था। फीवर भी था। हम उन्हें लेकर आचार्य भिक्षु अस्पताल गए। लेकिन, वहां के डॉक्टर ने रात में ही एलएनजेपी रेफर कर दिया। रात 10 बजे एलएनेपी के इमरजेंसी में देखा और एडमिट कर लिया। उन्होंने कहा कि उसके सारे लक्षण कोविड के थे, लेकिन, रिपोर्ट निगेटिव आई। उन्होंने कहा कि उनकी वाइफ को कोई बीमारी नहीं थी, न डायबिटीज और न ही ब्लड प्रेशर। बावजूद इसके 2 अगस्त को उनकी मौत हो गई।

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51 साल की महिला को पहले से था अस्थमा
वहीं, 7 अगस्त को 51 साल की एक और महिला की मौत कोविड की वजह से हो गई। नाम नहीं बताने के शर्त पर उनके पति ने कहा कि उन्हें पहले से अस्थमा की बीमारी थी। अस्पताल की रिपोर्ट में कोविड पॉजिटिव आया था। उनका लंग्स भी डैमेज था। वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थीं। उन्होंने कहा कि 4 अगस्त को उसे एडमिट किया था और 7 अगस्त को उसकी मौत हो गई।

कैंसर के मरीजों के लिए वायरस जानलेवा
दो दिन पहले बीएलएके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भी एक मरीज की मौत कोविड की वजह से हुई। इलाज करने वाले डॉक्टर संदीप नय्यर ने कहा कि 60 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई। मरीज 20 दिनों से एडमिट थे। उन्हें ब्लड कैंसर था। वो पहले अप्रैल में संक्रमित हुए, फिर ठीक हो गए। घर चले गए। दिल्ली से बाहर के मरीज थे। कुछ दिनों बाद वो फिर संक्रमित हो गए और 20 से 22 दिन एडमिट रहने के बाद उनकी मौत हो गई। डॉक्टर संदीप ने कहा कि यह वायरस विचित्र है। कुछ मरीजों में महीनों तक वायरस जाता ही नहीं है। वायरस खत्म ही नहीं होता है। ऊपर से कैंसर जैसी बीमारी की वजह से मरीज की इम्यूनिटी पहले से ही कमजोर होती है, जिसकी वजह से लंबे समय तक एडमिट के बाद भी जान नहीं बच पाती है।












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लंबे वक्त तक इलाज के बाद भी नहीं बच रही जान
डॉक्टर संदीप ने कहा कि ऐसे ही एक और मरीज की मौत कुछ दिन पहले हुर्ह। वो भी ब्लड कैंसर के शिकार थे, पेशे से डॉक्टर थे। लगभग 25 दिनों से एडमिट थे। लेकिन जान नहीं बच पाई। उन्होंने कहा कि अभी जिन मरीजों की मौत कोविड की वजह से हो रही है, उसकी वजह बीमारी का सीवियर यानी खतरनाक स्तर पर होना है। न कि सुविधाओं की कमी की वजह से। कई बार सभी सुविधा के बाद भी यह इतना गंभीर बीमार कर देता है कि इलाज के बाद भी मरीज ठीक नहीं हो पाते। अभी अधिकतर ऐसे ही मामले सामने आ रहे हैं।












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कुछ मामलों में 50 से कम उम्र वालों की भी मौत
एलएनजेपी के डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि कुछ लोग डेढ़ डेढ़ महीने से एडमिट हैं। उन्हें 5 से 6 प्रकार की दूसरी बीमारियां हैं। जिसमें कैंसर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। जिन्हें कैंसर था और कोविड हो गया, उनकी मौत की वजह कोविड हो जाती है। लेकिन सचाई यह है कि उनकी इम्यूनिटी लो होती है, चाहे इसकी वजह कुछ भी हो। उनकी बीमारी हो या फिर उनकी आदतें। डॉक्टर ने कहा कि अभी अधिकांश मौत बुजुर्ग व दूसरी बीमारी से शिकार मरीज की ही हो रही है। लेकिन, कुछ मामले 50 साल से कम वालों की भी है। इसमें से कई ऐसे होते हैं जो स्मोकिंग या ड्रग्स के लत के शिकार होते हैं, लेकिन वो बताते नहीं हैं। इस वजह से जब उन्हें कोविड होता है तो वो सीवियर हो जाते हैं। ऊपर से दिल्ली में जो वायरस अभी एक्टिव है, वह डेल्टा है, यह कितना खतरनाक है यह हम देख चुके हैं।

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