Raj Kundra Latest News: एक नहीं, मुंबई में हैं कई ‘कुंद्रा’… आखिर मायानगरी में कैसे फला-फूला पॉर्न फिल्मों का कारोबार? – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • मुंबई में पॉर्न का बिजनस फलने-फूलने को लेकर अधिकारी ने बताए कारण
  • मुंबई में हीरोइन बनने के सपने लेकर पूरे देश से आती हैं लड़कियां
  • इधर कोरोना और लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुई इंडस्ट्री
  • मुंबई सरकार ने बार ऑर्केस्ट्रा पर भी लगा रखा है बैन

मुंबई
राज कुंद्रा की गिरफ्तारी ने इस रहस्य से पूरा पर्दा उठा दिया है कि पॉर्न फिल्मों के कारोबार में कितने बड़े लोग शामिल हैं। पर यहां सवाल यह भी है कि इस कारोबार के इतने फलने-फूलने की वजह क्या है‌? मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने एनबीटी को विस्तार से इसकी वजह बताई।

अधिकारी के अनुसार, कोरोना में फिल्म इंडस्ट्री भी बुरी तरह प्रभावित हुई और डांस बार और ऑर्केस्ट्रा बार इंडस्ट्री भी। यहां से प्रभावित कुछ लोगों ने पॉर्न फिल्मों में जाने का रास्ता चुना।

अधिकांश लड़कियां दूसरे शहरों से आती हैं मुंबई और…
पॉर्न फिल्म केस की जांच से जुड़े इस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने इन्वेस्टिगेशन के दौरान कई लड़कियों से पूछताछ की, तो कुछ ने उन्हें बताया कि बॉलिवुड की चमक-दमक में वह दूसरे शहरों से मुंबई चली आईं। यहां आकर कई को फिल्मों में एक्स्ट्रा का काम मिल जाता था, जिसमें रोज के हिसाब से पेमेंट भी मिलता था। लेकिन कोरोना से जब फिल्मों की शूटिंग रुक गई, तो रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया।

आर्थिक रूप से कमजोर हुए तो चुना रास्ता
फिल्मों में लाइटमैन, कैमरामैन, कास्टिंग डायरेक्टर जैसे लोग भी काम करते हैं, जिनके सामने आर्थिक संकट आ गया। सब काम की तलाश में थे। इसी बीच, ओटीटी हिट होने लगा, तो आर्थिक रूप से मजबूर कुछ लोगों ने पॉर्न फिल्मों का विकल्प चुना।

एक पॉर्न फिल्म के मिलते हैं 10 से 50 हजार रुपये
पॉर्न फिल्मों से जुड़ी कुछ लड़कियों ने क्राइम ब्रांच को बताया कि उन्हें एक फिल्म के लिए 10 हजार से 50 हजार रुपये तक मिल जाते थे। कई फिल्मों की शूटिंग एक ही दिन में चार से पांच घंटे में पूरी हो जाती थी, जबकि कुछ फिल्मों की शूटिंग 2 से 3 दिन तक भी चलती थी।

महीनें में 2-3 फिल्में कर लेती हैं लड़कियां
कई बार एक ही दिन में एक ही टीम के साथ 2 से 3 फिल्में कर लेते थे। अमूमन, एक लड़की को एक महीने में पांच से सात फिल्में मिल जाती थीं। वे एक लाख रुपये से लेकर तीन-चार लाख रुपये तक हर महीने कमा लेती थीं।

ग्राहक कोठे जाते नहीं थे

मुंबई पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, कोरोना के समय में लॉकडाउन की वजह से मुंबई में बहुत से कोठे भी बंद हो गए, क्योंकि बाहर निकलने की बंदिश और संक्रमण के डर में ग्राहक आते ही नहीं थे। अलग-अलग कोठों से जुड़ी लड़कियों को भी पॉर्न फिल्मों से जुड़े लोगों ने शूटिंग में आने का मोटा लालच दिया। शूटिंग मड आइलैंड जैसी शांत जगह के कुछ बंगलों में होती थी, इसलिए किसी को पता ही नहीं चलता था।

ऑर्केस्ट्रा बार बंद होने से भी आया संकट
मुंबई पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि पॉर्न फिल्मों में बहुत सी वे लड़कियां भी गईं, जो कभी डांस बार या ऑर्केस्ट्रा बार में काम करती थीं। डांस बार अधिकृत रूप से महाराष्ट्र सरकार ने कई साल पहले ही बंद कर दिए गए थे। मालिक सुप्रीम कोर्ट से जीत गए, लेकिन सरकार ने लाइसेंस नहीं दिए। ऐसे में डांस बार मालिकों ने ऑर्केस्ट्रा बार के लाइसेंस ले लिए।

हकीकत यह थी कि ऑर्केस्ट्रा बार के नाम पर ही कई जगह डांस बार अवैध रूप से चल रहे थे। सचिन वाझे-परमबीर सिंह और अनिल देशमुख से जुड़ी कंट्रोवर्सी में डांस बार का बार-बार का जिक्र आता है। कई डांस बार मालिकों के सिर्फ ईडी ने नहीं, सीबीआई और एनआईए ने भी स्टेटमेंट लिए।

डांस बार में आते थे बॉलिवुड के लोग भी
कोरोना की पहली लहर के दौर में मुंबई भले ही लॉक थी, लेकिन कुछ डांस बार धड़ल्ले से चल रहे थे। जो नहीं चल रहे थे, वहां काम करने वाली लड़कियों के सामने भी आर्थिक दिक्कतें आने लगीं। होटल इंडस्ट्री से जुड़े एक व्यक्ति ने एनबीटी से कहा कि डांस बार में अक्सर बॉलिवुड से जुड़े डायरेक्टर, प्रोड्यूसर भी आते थे। स्वाभाविक है, कुछ का डांस बार में काम करने वाली कुछ लड़कियों से संपर्क था। इनमें से कुछ जब पॉर्न फिल्मों के धंधे में आए, तो उन्होंने कुछ लड़कियों से संपर्क किया।

एक नहीं, कई राज कुंद्रा
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने माना कि पॉर्न फिल्म इंडस्ट्री में एक नहीं, सौ से ज्यादा राज कुंद्रा हैं, जिन्होंने सीधे तौर पर नहीं, पर किसी के जरिए मजबूर लड़कियों से संपर्क किया और उन्हें पॉर्न फिल्मों में ले आए। पॉर्न फिल्मों के तार मुंबई से लेकर लंदन और सिंगापुर तक जुड़े हैं।



सांकेतिक चित्र

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