हाइलाइट्स
- तालिबानी आतंकी पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के लिए भस्मासुर बनते नजर आ रहे हैं
- तालिबान के आतंकियों ने पाकिस्तान से लगती बेहद अहम सीमा को अब बंद कर दिया है
- उन्होंने मांग की है कि पाकिस्तान ‘अफगान लोगों’ को बेरोक-टोक आने की अनुमति दे
इस्लामाबाद
अफगानिस्तान में भीषण हमले कर रहे तालिबानी आतंकी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए भस्मासुर बनते नजर आ रहे हैं। तालिबान आतंकियों ने पाकिस्तान से लगती बेहद अहम सीमा को बंद कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि पाकिस्तान सरकार ‘अफगान लोगों’ को बेरोक-टोक पाकिस्तान में आने की अनुमति दे और वीजा की जरूरत को खत्म कर दे। माना जा रहा है कि तालिबान की इस मांग के पीछे एक बड़ी चाल छिपी हुई है।
तालिबान ने स्पिन बोल्डाक-चमन बॉर्डर को शुक्रवार को बंद कर दिया। इस सीमा पर पिछले दिनों तालिबान ने कब्जा कर लिया था और अफगान सुरक्षाबलों से अरबों रुपये बरामद किए थे। इसी सीमा से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बहुत ज्यादा व्यापार होता है और दोनों देशों को काफी कमाई होती है। तालिबान ने कहा, ‘किसी को तब तक आने और जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कि पाकिस्तान सरकार अफगान लोगों के लिए वीजा की जरूरत को खत्म नहीं कर देती है।’
पाकिस्तान अब वीजा की शर्त को कड़ाई से लागू कर रहा
अफगानिस्तान के लिए यह सीमा क्रॉसिंग समुद्र तक जुड़ने के लिए सबसे अहम है जो चारों ओर से जमीन से घिरा हुआ है। पाकिस्तान ने शुरू में अपनी तरफ का इलाका बंद कर दिया था और पिछले सप्ताह ही इसे फिर से खोला है। लेकिन जब से तालिबान ने स्पिन बोल्डाक पर कब्जा किया है, तब से पाकिस्तान अब वीजा की शर्त को कड़ाई से लागू कर रहा है जिसे पहले नहीं लागू किया जाता था।
तालिबान ने शुक्रवार को एक बयान जारी करके कहा कि पाकिस्तान अफगान लोगों के लिए वीजा की सभी जरूरतों को खत्म कर दे। तालिबान ने पैदल जाने पर भी पाबंदी लगा दी है। साथ ही तालिबान के कंधार के गवर्नर ने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान ने आईडी कार्ड के साथ जाने वाले अफगान लोगों के लिए सीमा के दरवाजे नहीं खोले तो हमारी तरफ से यह बंद रहेगा।’ तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने भी कहा है कि उनके संगठन के नेताओं ने इस कदम का समर्थन किया है।
वीजा फ्री करने के पीछे तालिबान की बड़ी चाल
दरअसल, तालिबान की इस मांग के पीछे उसकी एक बड़ी चाल छिपी हुई है। तालिबान चाहता है कि उसके जेहादी जो पाकिस्तान में मौजूद हैं, वे आसानी से अफगानिस्तान से पाकिस्तान जा सकें। यही नहीं कई तालिबानी जो बुरी तरह से घायल हो गए हैं, उनका पाकिस्तान के सीमाई अस्पतालों में इलाज चल रहा है। अफगान सेना से मिल रहे करारे जवाब से तालिबान के कई लड़ाके बुरी तरह से घायल हो गए हैं। ऐसे में उसे अब पाकिस्तान की वीजा की जरूरत अनिवार्य बनाया जाना रास नहीं आ रहा है। उधर, कंगाल पाकिस्तान को डर सता रहा है कि हिंसा की वजह से बहुत से लोग भागकर पाकिस्तान आ सकते हैं, ऐसे में उसकी बदहाली और बढ़ सकती है।