झारखंड में सरकारी कर्मचारियों और पेशनर्स को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में भारी बढ़ोतरी कर दी गई है। इसे एक जुलाई 2021 से लागू भी कर दिया गया है। सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी पर मुहर लग गई। प्रोजेक्ट भवन में हुई बैठक में केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार के कर्मचारियों व पेंशनर्स के महंगाई भत्ता में वृद्धि का फैसला लिया गया।
Jharkhand government has decided to increase the Dearness Allowance of the state employees from 17% to 28%. This will be effective from 1st July 2021.
— ANI (@ANI) July 27, 2021
झारखंड कैबिनेट की बैठक में राज्य के विकास से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इस दौरान कई फैसले लिये गए। लाखों कर्मचारियों और पेशनर्स को राहत देते हुए महंगाई भत्ता बढ़ाने का फैसला लिया गया। इसके तहत महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी करते हुए इसे 17 से 28 फीसदी कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी एक जुलाई 2021 से लागू भी कर दी गई है।
19 प्रस्तावों पर मंत्रिपरिषद ने मुहर लगाई है। प्रधान सचिव कैबिनेट वंदना दादेल ने प्रोजेक्ट भवन में मीडिया को मंत्रिपरिषद के निर्णयों की जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के बाद राज्य सरकार ने भी कोरोना के कारण राजस्व वसूली को लेकर उत्पन्न हुई परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए राज्य कर्मियों के महंगाई भत्ता पर करीब सवा साल पहले रोक लगा दी थी, जिसे अब हटाते हुए 11 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के साथ महंगाई भत्ता देने पर सहमति बन गई है। हालांकि कर्मियों को महंगाई भत्ता का एरियर नहीं मिलेगा।
महंगाई भत्ता पर 1000 करोड़ सालाना व्यय
महंगाई भत्ता कर्मियों के वेतन का ही हिस्सा होता है। सरकार अपने कर्मचारियों को बढ़े हुए खर्चों का सामना करने के लिए महंगाई भत्ता देती है। कर्मचारियों के साथ इसका फायदा पेंशन पाने वाले सेवानिवृत सरकारी कर्मियों को भी होता है। जानकारी के अनुसार महंगाई भत्ता बढ़ाने पर राज्य सरकार सालाना 1000 करोड़ रुपये व्यय करेगी।
जमीन और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री महंगी होगी
राज्य में जमीन और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में अब ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा। मंत्रिमंडल ने स्टांप ड्यूटी में वृद्धि कर दी है। इससे राज्य सरकार को सालाना लगभग 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। दूसरी ओर मनोरंजन फीस और कोर्ट फीस के रूप में अतिरिक्त 110 प्रतिशत का अधिभार को निरस्त कर दिया गया है। इसके लिए भारतीय मुद्रांक अधिनियम 1899 में संशोधन करने तथा बिहार मनोरंजन ड्यूटी कोर्ट फीस और मुद्रांक अधिकार अधिनियम 1948 की धारा 5 को निरस्त किया गया। दूसरी ओर झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2021 को भी मंजूरी दी गई।
सौर ऊर्जा से रौशन होंगे 246 गांव
सूबे में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत विकेंद्रीकृत वितरित उत्पादन कार्यक्रम (ऑफ ग्रिड) के तहत 230 से बढ़कर 246 गांवों में सोलर पीवी माइक्रोग्रिड एवं सोलर स्टैंड अलोन सिस्टम से बिजली पहुंचाई जाएगी। गांव बढ़ने के कारण लागत 104.86 करोड़ से बढ़ाकर 109 करोड़ करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया।
डीवीसी और एनटीपीसी को हर माह 280 करोड़ का होगा भुगतान
डीवीसी और एनटीपीसी से खरीदी गई बिजली का हर महीने सीधे राज्य सरकार के कोषागार से भुगतान किया जाएगा। झारखंड बिजली वितरण निगम को अनुदान के एवज में किए जाने वाले भुगतान के बदले सरकार यह राशि देगी। दोनों कंपनियों से प्रतिदिन कुल 1200 मेगावाट बिजली खरीदी जाती है। डीवीसी को 150 करोड़ और एनटीपीसी को 130 करोड़ रुपये का भुगतान हर महीने हो सकेगा। बकाया संबंधित भुगमान पर अलग प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
आईटीआई की कॉशन मनी बढ़ी
सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण शुल्क लागू करने एवं कॉशन मनी बढ़ाने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। इसके तहत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में नामांकन के बाद अब तक केवल 50 रुपये कॉशन मनी लिया जाता था। इसे बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है। कॉशन मनी प्रशिक्षण संपन्न होने के बाद वापस लौटा दिया जाता है।