कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से अभी तक सिद्धू को लेकर कोई बयान नहीं आया है, लेकिन एक दिन पहले ही उनके मीडिया सलाहकार ने कहा था कि जब तक सिद्धू माफी नहीं मांगेंगे सीएम उनसे नहीं मिलेंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस के नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। सिद्धू ने बुधवार को ही कांग्रेस के 62 विधायकों के साथ अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के दर्शन किए। बताया गया है कि यह उनका अमरिंदर के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन था। बताया गया है कि सिद्धू इसके बाद दुर्गियाना मंदिर और राम तीरथ स्थल भी पहुंचे।
बता दें कि सिद्धू ने पद संभालने से पहले कांग्रेस के सभी 77 विधायकों को स्वर्ण मंदिर बुलाया था। बताया गया है कि इनमें से 62 विधायक उनसे मिलने पहुंचे। जिन बड़े नेताओं ने स्वर्ण मंदिर में सिद्धू के साथ मत्था टेका, उनमें राजा वारिंग, राजकुमार वेरका, इंदरबीर बोलारिया, परगट सिंह, सुखजिंदर रंधावा और हरमिंदर जस्सी समेत कई नेता शामिल रहे।
बताया गया है कि पंजाब के अधिकतर मंत्री और विधायक अब सिद्धू की नियुक्ति पर आलाकमान के फैसले को सही ठहरा रहे हैं। इनमें वे नेता भी शामिल हैं, जो अमरिंदर सिंह के करीबी रहे हैं। हालांकि, पार्टी की दिग्गज टकसाली नेता अभी भी खामोश हैं। उन्होंने सिद्धू की नियुक्ति पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इस बीच पंजाब में कांग्रेस के बीच मची इस खींचतान पर भाजपा ने तंज कसा है। पार्टी प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि खेल शुरू हो चुका है। सिद्धू के साथ 62 और कैप्टन के साथ 15। उनका इशारा सिद्धू के साथ स्वर्ण मंदिर पहुंचे विधायकों और कैप्टन के समर्थक उन नेताओं की ओर था, जो लगातार नए कांग्रेस प्रमुख से माफी मांगने के लिए कह रहे हैं।
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से अभी तक सिद्धू को लेकर कोई बयान नहीं आया है, लेकिन एक दिन पहले ही उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठकराल ने कहा था कि ”ये खबरें पूरी तरह झूठी हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मिलने के लिये समय मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। वह तब तक सिद्धू से नहीं मिलेंगे जब तक वह सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ की गईं अपमानजक टिप्पणियों पर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते।’