नो मलयालम! दिल्‍ली में सरकारी अस्‍पताल के आदेश पर भड़के राहुल गांधी, बवाल के बाद सर्कुलर वापस – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • दिल्‍ली के गोविंद बल्‍लभ पंत अस्‍पताल ने जारी किया सर्कुलर
  • नर्सिंग स्‍टाफ से कहा- मलयालम में न किया करें बात
  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई लोगों ने की आलोचना
  • केजरीवाल सरकार पर बरसे बीजेपी के अमित मालवीय

नई दिल्‍ली
राजधानी के एक सरकारी अस्‍पताल ने नर्सिंग स्‍टाफ के मलयालम में बात करने पर रोक लगा दी है। गोविंद बल्लभ पंत इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (GBPIPMER) ने शनिवार को सर्कुलर जारी किया। इस कदम के लिए अस्‍पताल प्रशासन की कड़ी आलोचना हो रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट क‍िया। बाद में अस्‍पताल प्रशासन ने सर्कुलर वापस ले लिया। उन्‍होंने कहा कि बिना उनकी जानकारी से यह सर्कुलर जारी कर दिया गया था।

राहुल ने रविवार सुबह एक ट्वीट में कहा, “मलयालम भी उतनी ही भारतीय है, जितनी कोई दूसरी भारतीय भाषा। भाषाई भेदभाव रोकिए!” बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने इसके लिए दिल्‍ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को जिम्‍मेदार ठहरा दिया।



अस्‍पताल में आदेश में क्‍या कहा?
सर्कुलर में अस्‍पताल ने कहा, ‘संवाद के लिए केवल हिंदी और अंग्रेजी का उपयोग करें या ‘कड़ी कार्रवाई’ का सामना करने के लिए तैयार रहें।’ अस्‍पताल प्रशासन ने वजह बताई है कि ‘अधिकतर मरीज और सहकर्मी इस भाषा को नहीं जानते हैं।’

जीबी पंत नर्सेज एसोसिएशन अध्यक्ष लीलाधर रामचंदानी ने दावा किया कि यह एक मरीज द्वारा स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को अस्पताल में मलयालम भाषा के इस्तेमाल के संबंध में भेजी गई शिकायत के अनुसरण में जारी किया गया है। उन्होंने हालांकि कहा कि ‘‘एसोसिएशन परिपत्र में इस्तेमाल किए गए शब्दों से असहमत है।’’

वापस लिया गया सर्कुलर
अस्‍पताल प्रशासन ने बाद में यह सर्कुलर वापस ले लिया। न्‍यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में प्रशासन ने कहा कि सर्कुलर बिना उनकी जानकारी के जारी कर दिया गया था।

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