मेहुल चोकसी को भारत लाने का कैसे है यह बेस्ट मौका, क्या हैं कानूनी अड़चन और उम्मीदें? जानें सभी दांव-पेच – Hindustan

भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर आज यानी गुरुवार को फैसला आ सकता है। डोमिनिका की एक कोर्ट ने चोकसी के भारत भेजे जाने को लेकर बुधवार को हुई सुनवाई पर फैसला गुरुवार तक के लिए टाल दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। ऐसे में मेहुल चोकसी को भारत लाने का रास्ता साफ होगा या फिर कानूनी दांव-पेच की वजह से चोकसी बच जाएगा, आज कोर्ट के फैसले से स्पष्ट हो जाएगा। हालांकि, जो परिस्थितियां बन रही हैं, उसके हिसाब से मेहुल चोकसी को भारत लाने का यह एक तरह से अच्छा मौका है, साथ ही कुछ कानूनी अड़चनें भी हैं। 

चोकसी के वकील का पक्ष
मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल का कहना है कि जिस वक्त गीतांजलि समूह के अध्यक्ष और व्यापारी चोकसी ने एंटीगा की नागरिकता हासिल कर ली, वह भारत का नागरिक नहीं रह गया है। इसलिए कानूनी रूप से इमिग्रेशन और पासपोर्ट ऐक्ट के सेक्शन 17 और 23 के अनुसार उसे सिर्फ एंटीगा ही भेजा जा सकता है। वकील ने दावा किया है कि एंटीगा के अधिकारियों के बयान के विपरीत चोकसी डोमिनिका भागा नहीं था। उसे हनी ट्रैप के जरिए फंसाया गया था और अगवा कर लिया गया था। चोकसी की पिछले छह महीनों से एक महिला के साथ दोस्ती थी, जिसे 23 मई को एंटीगा के एक अपार्टमेंट में बुलाया गया था। वहां से ही चोकसी को कुछ लोगों ने अगवा कर लिया था। इसके बाद डोमिनिका ले जाने से पहले उसे कथित तौर पर पीटा गया। एक यॉट में बंधक बनाकर रखा गया और कई तरह से टॉर्चर किया गया।

सात वकीलों के साथ कोर्ट में विपक्षी नेता भी मौजूद
चोकसी को लाने डोमिनिका पहुंची भारतीय एंजेंसी की विशेष टीम ने बताया कि सुनवाई के दौरान कोर्ट में सात वकील चोकसी का पक्ष रख रहे थे। डोमिनिका के विपक्षी लेनोक्स लिंटन भी कोर्ट में मौजूद थे। गौरतलब है कि मेहूल के भाई चेतन चिनुभाई चोकसी ने पिछले शनिवार को लिंटन से मुलाकात कर मेहुल की मदद के बदले चुनावी चंदा देने की बात कही थी। इस दौरान चेतन ने अग्रिम राशि के तौर पर उन्हें दो लाख डॉलर दिए और आने वाले आम चुनावों में एक मिलियन डॉलर से ज्यादा की वित्तीय मदद का भरोसा दिया। 

इसलिए भारत का दावा मजबूत
मेहुल चोकसी का पीछा करने वाली भारतीय एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि हो सकता है कि उसने अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया हो, लेकिन भारत ने इसे स्वीकार नहीं किया है। साथ ही उसे पासपोर्ट सरेंडर का सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है। सूत्रों का कहना है कि इंटरपोल ने भारत में किए गए वित्तीय अपराधों के लिए चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया है और इस पर अदालत में बहस होगी। 

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पासपोर्ट अधिनियम 1967 के अनुसार, सभी भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे विदेशी नागरिकता प्राप्त करने के तुरंत बाद अपने पासपोर्ट नजदीकी भारतीय मिशन/पोस्ट को सौंप दें। भारतीय पासपोर्ट का दुरुपयोग पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12(1ए) के तहत एक अपराध है।

क्या कहता है कानून
जहां तक ​​चोकसी की नागरिकता का सवाल है, कानून बहुत स्पष्ट है। भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है। भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 की सेक्शन 9 के अनुसार कोई भी भारतीय नागरिक जो विदेशी नागरिकता प्राप्त करता है, भारतीय नागरिक नहीं रह जाता है। इसलिए, सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए चोकसी एंटीगा का नागरिक बना हुआ है। भले ही वहां की सरकार ने उसकी नागरिकता रद्द करने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी हो। इसे चोकसी ने एंटीगुआ (एंटीगा) कोर्ट में चुनौती दी है।

वापस लाने का सबसे अच्छा मौका
चोकसी को भारत वापस लाने का भारत का सबसे अच्छा मौका है। डोमिनिका के अदालत को यह समझाना है कि उसके खिलाफ एक मजबूत कानूनी मामला है और वह एक भगोड़ा अपराधी है। सूत्रों ने कहा कि भारत यह भी तर्क देगा कि एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने का उनका एकमात्र इरादा भारत में कानून के शिकंजे से बचना था। एक अधिकारी ने कहा कि चोकसी के खिलाफ इंटरपोल का नोटिस है, यह उसे भारत को सौंपने के लिए पर्याप्त आधार है। हालांकि, डोमिनिका के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है। फिर भी भारत ने अदालत में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का पालन किया, जो एक वर्ष से अधिक समय तक चली। ऐसे में भारत के पास चोकसी को लाने के लिए पर्याप्त आधार है।

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