मानसून आ गया: केरल को किया तरबतर, स्काईमेट का अनुमान- इस बार 103% भिगोएंगे बदरा – Dainik Bhaskar

  • Hindi News
  • National
  • All The Standards Are Met, The Meteorological Department Can Announce In Some Time; Was Stuck In Sri Lanka Since May 27

नई दिल्ली11 मिनट पहलेलेखक: अनिरुद्ध शर्मा

मानसून केरल पहुंच चुका है। इसके सभी मानक पूरे हो गए हैं। मौसम विभाग थोड़ी देर में इसकी पूरी डिटेल बताएगा। दक्षिण पश्चिम मानसून के केरल में पहुंचने की स्थितियां कुछ दिन पहले ही बनना शुरू हो गई थीं। हालांकि, इस बार मानसून समय से 2 दिन देरी से है। लेकिन निजी एजेंसी स्काईमेट पहले ही अनुमान जता चुकी है इस बार बारिश सामान्य से बेहतर 103% होगी।

मानसून ने अंडमान में 21 मई को दस्तक दी थी। 27 मई को आधे श्रीलंका और मालदीव को पार करने के बाद मजबूत हवाओं की कमी के चलते 7 दिन तक मानसून की उत्तरी सीमा कोमोरिन सागर में ही ठहर गई थी।

केरल में पिछले 4 दिन से प्री-मानसून बारिश जारी है। बुधवार को यहां सैटेलाइट इमेज में तटवर्ती इलाकों और उससे सटे दक्षिण पूर्व अरब सागर में बादल छाए नजर आए। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का कहना है कि केरल में बारिश वितरण में बढ़ोतरी हुई है। दक्षिण सागर के निचले स्तरों में पछुआ हवाएं चल रही हैं।

ये होते हैं मानसून की घोषणा के मानक

  • केरल, लक्षद्वीप और कर्नाटक के 14 मौसम केंद्रों में से 60% केंद्रों में 10 मई के बाद लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी से अधिक बारिश होनी चाहिए।
  • जमीनी सतह से साढ़े चार किमी ऊंचाई तक पश्चिमी हवाएं चलने लगें, जमीनी सतह के करीब हवा की गति 30-35 किमी प्रतिघंटा तक हो।
  • बादलों की मोटाई इतनी अधिक हो कि जमीन से आसमान की ओर लौटने वाला रेडिएशन 200 वॉट प्रति वर्गमीटर से भी कम हो जाए।

लगातार तीसरे साल अच्छी बारिश होगी
इस बार मानसून सामान्य से बेहतर रहने का अनुमान है। स्काईमेट के मुताबिक भारत में इस साल जून से सितंबर के दौरान औसत बारिश 907 मिलीमीटर हो सकती है। पूरे भारत में चार महीनों के दौरान औसत 880.6 मिलीमीटर बारिश होती है, जिसे लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) कहते हैं।

स्काईमेट इसे ही औसत मानकर चलती है। यानी बारिश का यह आंकड़ा 100% माना जाता है। इस साल 907 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना है। 2021 में मानसून के दौरान 103% बारिश होने की संभावना है। 96% से लेकर 104% की बारिश को सामान्य से बेहतर बारिश कहा जाता है। 2019 में यह आंकड़ा 110% और 2020 में 109% रहा था। यानी इस बार लगातार तीसरे साल अच्छे मानसून का फायदा मिलेगा।

मध्यप्रदेश में 3-4 दिन प्री-मानसून बारिश का ऑरेंज अलर्ट
MP में हर साल 17 जून तो भोपाल में 20 जून के आसपास मानसून पहुंचता है। इस बार भी इसके समय पर पहुंचने के आसार हैं। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला कहते हैं कि अगर मामसून की प्रोग्रेस बरकरार रही तो यह तय समय पर पहुंचेगा।

मौसम केंद्र की तरफ से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक अगले तीन-चार दिन भोपाल समेत मध्यप्रदेश में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। इसके लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी गया है।

राजस्थान: जून का सबसे सर्द आगाज, जयपुर में 20 साल का रिकॉर्ड टूटा
जयपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में इस बार जून का सबसे सर्द आगाज हुआ है। जयपुर में तो जून की शुरुआत में सबसे कम तापमान का 20 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। यहां बुधवार को दिन का पारा 30.2 डिग्री रहा। इससे पहले 1 जून 2001 को 39.8 डिग्री था। आने वाले दिनों में जयपुर समेत अजमेर, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, दौसा, डूंगरपुर, झुंझुनूं, सीकर, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, जालोर और पाली जिलों में 6 जून तक बारिश हो सकती है।

image

हिमाचल में बारिश और ओले गिरने से सेब समेत नकदी फसलों को नुकसान
हिमाचल के शिमला में बुधवार दोपहर बाद आंधी और तेज गर्जना के साथ बारिश हुई। मौसम विभाग के येलो अलर्ट के बीच शिमला से सटे ऊपरी इलाकों में बारिश के साथ ओले गिरने से सेब और गुठलीदार फलों और नकदी फसलों को नुकसान पहुंचा है।

मौसम विभाग के मुताबिक शिमला समेत राज्य के मध्यम ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाकों में पांच जून और उच्च पर्वतीय इलाकोंमें चार जून तक मौसम खराब रहेगा। जबकि मैदानी इलाकों में आठ जून तक मौसम साफ बने रहने का अनुमान है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से प्रदेश में मौसमी तंत्र में बदलाव आया है। इससे मैदानी भागों में गर्मी का असर लगभग खत्म हो गया है। अब एक सप्ताह तक मैदानी क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा।

खबरें और भी हैं…

Related posts