Bihar News: बिहार में ब्लैक फंगस से पहली मौत का दावा, मुजफ्फरपुर के जाने-माने डॉक्टर नंदकिशोर सिंह की पत्नी हुईं शिकार – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • बिहार में ब्लैक फंगस से पहली मौत होने का दावा
  • मुजफ्फरपुर केमिस्ट एंड ड्रग एसोसिएशन के अध्यक्ष ने किया है दावा
  • ‘मुजफ्फरपुर के जाने-माने डॉक्टर नंदकिशोर सिंह की पत्नी की मौत ब्लैक फंगस की वजह से हुई’

मुजफ्फरपुर
कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर के बीच अब कई लोग म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के इंफेक्शन की चपेट में आ रहे हैं। ब्लैक फंगस को लेकर मुजफ्फरपुर जिले में अलर्ट जारी किया गया है। मुजफ्फरपुर केमिस्ट एंड ड्रग एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजन कुमार साहू ने दावा किया है कि ब्लैक फंगस की चपेट में आकर ही जिले के जाने-माने चिकित्सक डॉक्टर नंदकिशोर सिंह की पत्नी प्रोफेसर अरुणा कुमारी ने शनिवार को एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया था। ‌ब्लैक फंगस से मौत का यह बिहार में पहला मामला है, जिससे किसी व्यक्ति की मौत हुई है।

‘ब्लैक फंगस की दवा पर्याप्त मात्रा में जिले में उपलब्ध’
रंजन कुमार साहू ने बताया कि इस फंगल इंफेक्शन से किसी व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है। उन्होंने दावा किया है कि ब्लैक फंगस की दवा पर्याप्त मात्रा में जिले में उपलब्ध है। अगर कोई भी दवा दुकानदार इसकी कालाबाजारी करते पाया जाता है तो एसोसिएशन उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।

शनिवार को नंदकिशोर सिंह और उनकी पत्नी की अस्पताल में हुई थी मौत
शनिवार को डॉक्टर नंदकिशोर सिंह और उनकी धर्मपत्नी (प्रो) डॉक्टर अरुणा सिंह की मृत्यु हो गई थी। दोनों कोरोना वायरस संक्रमित थे। दोनों का कई दिन से एक निजी नर्सिंग होम में इलाज चल रहा था। डॉ नंदकिशोर सिंह, एसकेएमसीएच ब्लड बैंक के प्रभारी रह चुके थे। वहीं उनकी पत्नी एमडीडीएम कॉलेज की सेवानिवृत प्रोफेसर थीं। बताया जाता है कि दोनों एक सप्ताह पहले कोरोना की चपेट में आ गए थे। संक्रमित दंपति का शहर के निजी नर्सिंग होम में इलाज चल रहा था।

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने हाल में कहा था कि ब्लैक फंगस के मरीज ठीक हो जाते हैं। डॉक्टरों द्वारा उन पर पैनी निगाह रखी जाती है। डॉक्टर यह देखते हैं कि उनमें कोई और भी सिम्टम्स तो नहीं आ रहे।












ठीक हो जाते हैं ब्लैक फंगस के शिकार हुए मरीज : मंगल पाण्डेय

किसे हो सकता है ब्लैक फंगस?
– कोविड के दौरान जिन्हें स्टेरॉयड्स- मसलन डेक्सामिथाजोन, मिथाइल, प्रेडनिसोलोन आदि दी गई हों।
– कोविड मरीज को ऑक्सिजन सपॉर्ट पर या आईसीयू में रखना पड़ा हो।
– कैंसर, किडनी, ट्रांसप्लांट आदि की दवाएं चल रही हों।

ब्लैक फंगस के लक्षण
– बुखार आ रहा हो, सर दर्द हो रहा हो, खांसी हो या सांस फूल रही हो।
– नाक बंद हो। नाक में म्यूकस के साथ खून आ रहा हो।
– आंख में दर्द हो। आंख फूल जाए, एक चीज दो दिख रही हो या दिखना बंद हो जाए।
– चेहरे में एक तरफ दर्द हो, सूजन हो या सुन्न हो।
– दांत में दर्द हो, दांत हिलने लगें, चबाने में दांत दर्द करे।
– उल्टी में या खांसने पर बलगम में खून आए।

क्या करें
ब्लैक फंगस के कोई लक्षण नजर आए तो तत्काल सरकारी अस्पताल में या किसी अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं। नाक, कान, गले, आंख, मेडिसिन, चेस्ट या प्लास्टिक सर्जन विशेषज्ञ को तुरंत दिखाएं ताकि जल्दी इलाज शुरू हो सके।



ब्लैक फंगस की वजह से मरने वालीं प्रोफेसर अरुणा कुमारी (File Photo )

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