दुखद: रेलवे के अब तक एक लाख कर्मचारी कोरोना के शिकार! करीब 2 हजार की मौत और हर दिन 1 हजार से ज्यादा संक्रमित – News18 हिंदी

फिलहाल 4,000 रेलवे कर्मी या उनके परिवार के सदस्य इन अस्पतालों में भर्ती हैं

ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन ने कुछ दिन पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर मांग की थी कि कोरोना वायरस संकट के दौरान काम करते हुए जान गंवाने वाले रेलकर्मियों के परिजनों को फ्रंटलाइन वर्कर्स (frontline workers) की तरह ही मुआवजा दिया जाए.

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नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर अपनी साथ तबाही लेकर आई है. हर दिन सैकड़ो मौतें और हजारों संक्रमित हो गए है. इस बीच भारतीय रेलवे (Indian Railway) की तरफ से कोरोना वायरस को लेकर जो खबर आई है वो और दिल दुखाने वाली है. इस महामारी के बीच ऑक्सीजन एक्सप्रेस (Oxygen Express) चलाकर लाखों लोगों का जीवन बचाने वाली इंडियन रेलवे (Indian Railways) के अब तक करीब एक लाख कर्मचारी (Employee) कोरोना का शिकार (Corona affected) हो चुके हैं.  इनमें से लगभग 2,000 लोगों को अपनी जान (Death) तक गवानी पड़ी. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से रेलवे के 1,952 कर्मचारी अब तक जान गंवा चुके हैं और रोजाना करीब 1,000 कर्मचारी संक्रमित हो रहे हैं.

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा (Suneet Sharma) ने कहा कि रेलवे किसी अन्य राज्य या क्षेत्र से अलग नहीं है और हम भी कोविड के मामले झेल रहे हैं. हम परिवहन का काम करते हैं और सामान लोगों को लाते और ले जाते हैं. रोजाना करीब 1000 (कोविड) मामले सामने रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे अपने अस्पताल हैं, हमने बेड की संख्या बढ़ाई है, रेल अस्पातलों में ऑक्सीजन प्लांट बनाए हैं.

दुनिया का सबसे नियोक्ता है रेलवे

शर्मा ने कहा कि हम अपने कर्मचारियों का ध्यान रखते हैं. फिलहाल 4,000 रेलवे कर्मी या उनके परिवार के सदस्य इन अस्पतालों में भर्ती हैं. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास यह है कि वो जल्दी ठीक हों. पिछले साल मार्च से कल तक 1952 रेल कर्मियों की कोविड-19 महामारी से जान जा चुकी है. बता दें कि रेलवे सिर्फ भारत बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा नियोक्ता है, जिसमें 13 लाख कर्मचारी काम करते हैं.  

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फ्रंटलाइन वर्कर्स घोषित करने की मांग

ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन नाम के एक रेलकर्मियों के फेडरेशन ने कुछ दिनों पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर मांग की थी कि कोरोना वायरस संकट के दौरान काम करते हुए जान गंवाने वाले रेलकर्मियों के परिजनों को फ्रंटलाइन वर्कर्स (frontline workers) की तरह ही मुआवजा दिया जाए. उन्होंने पत्र में कहा कि जैसा कि फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए घोषणा की गई है, ये कर्मी भी 50 लाख रुपये के मुआवजे के हकदार हैं, कि 25 लाख रुपये के जो उन्हें अभी दिया जा रहा है.

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