ब्लैक फंगस का कैसे सामना करें कोविड से उबरे लोग? पढ़ें सरकार की एडवाइजरी – News18 हिंदी

नई दिल्ली. देश में जहां कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) घातक साबित हो रही है. वहीं, कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों में एक अलग तरह का जानलेवा संक्रमण सामने आया है. इसे ब्लैक फंगस या फिर म्यूकरमायकोसिस कहते हैं. अब तक देश में इस ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आए हैं. जिससे लोगों की जान तक चली गई है. ऐसे में सरकार की ओर से इस घातक संक्रमण को लेकर एडवायजरी जारी की गई है. इसमें बताया गया है कि म्यूकरमायकोसिस की स्क्रीनिंग, इसकी जांच और फिर इलाज कैसे हो सकेगा. ब्लैक फंगस आम तौर पर उन लोगों को ही शिकार बना रहा है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता लगातार दवाइयों की वजह से बेहद कम हो चुकी है. अगर इसका वक्त पर इलाज नहीं होता है, तो इससे लोगों की जान पर भी बन रही है.

म्यूकरमायकोसिस या ब्लैक फंगस के लक्षण म्यूकरमायकोसिस की पहचान इसके लक्षणों से की जा सकती है. जो इस तरह हैं-नाक बंद हो जाना नाक और आंख के आस-पास दर्द और लाल होना बुखार, सिरदर्द और खांसी
सांस फूलना और खून की उल्टियां मानसिक रूप से अस्वस्थ होना, कंफ्यूजन की स्थिति ये भी पढ़ें- वैक्सीन लगवाने के बाद न करें ऐसी गलती, अपनों की जान पर पड़ सकती है भारी कैसे हो सकता है ब्लैक फंगस का संक्रमण ? अनियंत्रित शुगर वाले लोगों को स्टेरॉयड के इस्तेमाल से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाने से लंबे वक्त तक आईसीयू में रहना किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होना वोरिकोनाज़ोल थेरेपी कोविड सर्वाइवर्स को इसका रखना है ध्यान हाइपरग्लाइसिमिया पर नियंत्रण करना जरूरी है. कोरोना से सर्वाइव करने के बाद डायबिटिक मरीज ब्लड ग्लूकोज लेवल चेक करते रहें. स्टेरॉयड लेते वक्त सही समय, सही डोज और अवधि का ध्यान रखें. ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान साफ पानी का इस्तेमाल करें. एंटीबायोटिक्स और एंटीफंगल के इस्तेमाल के वक्त सावधानी बरतें. क्या नहीं करना है? किसी भी लक्षण को हल्के में बिल्कुल नहीं लेना है. कोविड के इलाज के बाद नाक बंद होने को बैक्टीरियल साइनसिटिस नहीं मानें. किसी लक्षण के नजर आने पर जरूरी जांच कराएं. म्यूकरमायकोसिस का इलाज अपने आप करने में वक्त न गंवाएं. ये भी पढ़ें- असम: वकील से सीएम बनने तक, जानें हिमंत बिस्व सरमा का पूरा राजनीतिक सफरनामा क्या हैं सावधानियां ? धूल वाली जगहों पर मास्क जरूर लगाए रहें. गार्डेनिंग या मिट्टी में काम करते वक्त जूते, हाथों- पैरों को ढकने वाले कपड़े, ग्लव्स जरूर पहनें. रोजाना नहाएं और साफ-सफाई का ध्यान रखें.

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