राहुल संपाल, डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला
Published by: दीप्ति मिश्रा
Updated Sun, 02 May 2021 04:50 PM IST
सार
पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम से भाजपा हैरान है, तो कांग्रेस काफी खुश नजर आ रही है। कांग्रेस के हाथ भले ही बंगाल में एक भी सीट नहीं लगी है, लेकिन भाजपा की हार कांग्रेस की खुशी की वजह बन गई।
सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी
– फोटो : social media
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विस्तार
दरअसल, भाजपा चाहती थी कि कांग्रेस बंगाल की सीटों से थोड़े थोड़े वोट भी ले, तो टीमएसी को नुकसान होगा और भाजपा को इसका सीधा फायदा। कांग्रेस ने सुस्ती भरे चुनावी प्रचार के जरिए भाजपा की उम्मीदों को पलीता लगा दिया और खामोशी से बिना वोट काटे दीदी को मजबूत कर दिया। अब कांग्रेस खुश है कि उसके दुश्मन की हार हुई है। भले ही जीत का सेहरा ममता बनर्जी के सिर पर सज रहा है।
कांग्रेस की राजनीति को करीब से समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई ने अमर उजाला से कहा, आज देश में नरेंद्र मोदी और अमित शाह का बोलबाला है। भाजपा कैसे कमजोर हो या मोदी शाह की जोड़ी को कैसे परास्त किया जा सकता है, इस दिशा में राहुल गांधी और गांधी परिवार के सदस्य काम कर रहे है। हालांकि, देश में कांग्रेस को दोबारा कैसे खड़ा किया जाए इस दिशा में कोई रोडमैप तैयार नहीं हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस की रणनीति थी कि किस तरह से भाजपा को घेरा जाए और विपक्ष में भी ये आत्मविश्वास बढ़े कि भाजपा को हराया जा सकता है। अगर बंगाल चुनाव भाजपा जीत जाती, तो कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत बड़ी चुनौती होती है।
किदवई ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की जीत बेहद महत्वपूर्ण है। तमिलनाडु में कांग्रेस और डीएमके गठबंधन जीत रहा है। इससे पूरे देश में विपक्ष को बल मिलेगा। आज संपूर्ण विपक्ष यही चाहता है कि कैसे भी मोदी को परास्त किया जाए। ऐसे में भाजपा के खिलाफ कोई एकजुट गठबंधन बनता है, तो उसमें कांग्रेस पार्टी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। हालांकि, ये चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए बहुत ही निराशाजनक हैं, लेकिन हताशाजनक बिल्कुल नहीं है। कांग्रेस को अपने सब कुछ लूट जाने के गम से ज्यादा खुशी दुश्मन के कमजोर होने में है।