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नई दिल्ली20 मिनट पहले
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कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत और दूसरी परेशानियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि संकट से निपटने के लिए आपका नेशनल प्लान क्या है? क्या इससे निपटने के लिए वैक्सीनेशन ही मुख्य विकल्प है।
सुनवाई की शुरुआत में ही सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि हमें लोगों की जिंदगियां बचाने की जरूरत है। जब भी हमें जरूरत महसूस होगी, हम दखल देंगे। कोर्ट ने कहा- राष्ट्रीय आपदा के समय हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते हैं। हम हाईकोर्ट्स की मदद की जिम्मेदारी निभाना चाहते हैं। इस मामले में उन अदालतों (HCs) को भी अहम रोल निभाना है।
केंद्र ने कहा- प्रधानमंत्री खुद परेशानियों पर ध्यान दे रहे हैं
इस पर केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार हाई लेवल पर इस मसले पर काम कर रही है और परेशानियां दूर करने के लिए प्रधानमंत्री खुद इसे देख रहे हैं। हम हालात को बहुत सावधानी से संभाव रहे हैं। कोरोना के दौरान ऑक्सीजन, वेंटिलेटर्स, बेड और वैक्सीन जैसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खुद ये मुद्दा उठाया था।
पिछली सुनवाई मेें अदालत ने केंद्र ने नेशनल प्लान मांगा था। जस्टिस एस. रविंद्र भट, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल. नागेश्वर की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील और पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी बनाया था, हालांकि उन्होंने खुद को इस केस से अलग कर लिया है।
इन 4 मुद्दों पर देना होगा नेशनल प्लान
1. राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई की कमी बनी हुई है। इससे मरीजों की मौत हो रही है।
2. पूरे देश में 1 मई से वैक्सीनेशन का तीसरा फेज शुरू हो रहा है, लेकिन राज्यों में वैक्सीन की किल्लत बनी हुई है।
3. कोरोना के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं की हर राज्य में कमी है।
4. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लॉकडाउन लगाने का अधिकार कोर्ट के पास नहीं होना चाहिए। ये राज्य सरकार के अधीन हो।
तमिलनाडु के स्टरलाइट प्लांट को ऑक्सीजन प्रोडक्शन की मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में वेदांता के स्टरलाइट प्लांट में ऑक्सीजन सप्लाई की मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने कहा कि प्लांट में केवल ऑक्सीजन प्रोड्यूस होगी, कोई और काम नहीं किया जाएगा। वेदांता ने कोर्ट से कहा कि हम प्लांट में केवल ऑक्सीजन बनाएंगे, बिजली नहीं। बिजली राज्य द्वारा दी जाएगी।
जब सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता से पूछा कि आप कब से ये प्लांट शुरू कर सकते हैं? तो कंपनी ने जवाब दिया कि हम 10 दिन के भीतर ऑक्सीजन प्रोडक्शन शुरू कर सकते हैं।
वेदांता के इस तूतीकोरिन स्थित प्लांट को 2018 में तब बंद कर दिया गया था, जब पर्यावरण को हो रहे नुकसान के चलते लोगों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान हुई हिंसा में 13 लोगों की मौत हो गई थी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान एक विक्टिम की ओर से एडवोकेट कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि वेदांता लगातार गलतियां करता आया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस समय केवल ऑक्सीजन प्लांट चलाने की मंजूरी दे रहे हैं।