हाइलाइट्स:
- सीबीएसई के 10वीं और 12वीं क्लास के 30 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी हैं
- ताजा दौर में स्टूडेंट्स और यंगस्टर्स के संक्रमित होने के मामले काफी ज्यादा बढ़े हैं
- इसलिए परीक्षाएं टालने की नहीं बल्कि इन्हें रद्द करने की मांगें तेजी से बढ़ रही हैं
- ऑनलाइन एग्जाम लेने की संभावना बहुत कम है क्योंकि इतना बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है
नई दिल्ली
सीबीएसई बोर्ड एग्जाम को लेकर उलझन अब और बड़ी हो गई है। 21 दिन के बाद बोर्ड एग्जाम हैं और कोविड 19 के मामले देशभर में हर दिन बढ़ते जा रहे हैं। इसे लेकर अब मंत्रालय लेवल पर मीटिंग का दौर चल रहा है। बोर्ड एग्जाम की तारीख बढ़ाने की संभावना तलाशी जा रही है। सीबीएसई के एक अधिकारी का कहना है कि अभी एग्जाम में तीन हफ्ते बाकी है, स्थिति की समीक्षा हो रही है। सीबीएसई पर पैरंट्स, स्टूडेंट्स के साथ-साथ अब राज्य सरकारों का भी दवाब है। सीबीएसई के लिए महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब समेत कई राज्यों में एग्जाम रखना बड़ी चुनौती है, क्योंकि इन कई राज्यों में खराब स्थिति की वजह से राज्य बोर्ड एग्जाम भी आगे खिसका दिए गए हैं।
महाराष्ट्र, दिल्ली कर चुके हैं अपील
सीबीएसई के 10वीं और 12वीं क्लास के एग्जाम 4 मई से शुरू होंगे और 30 लाख से ऊपर स्टूडेंट्स बोर्ड एग्जाम देंगे। कोविड की दूसरी लहर में तेजी से बढ़ते मामलों के बीच सीबीएसई बोर्ड एग्जाम कैंसल करने के लिए दिल्ली के सीएम, डिप्टी सीएम मंगलवार को केंद्र सरकार से अपील कर चुके हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने भी राज्य बोर्ड के एग्जाम पोस्टपोन करने के साथ सीबीएसई, सीआईएससीई से एग्जाम का शेड्यूल बदलने की अपील की है। सूत्रों का कहना है कि बोर्ड एग्जाम को कैंसल करने पर विचार अभी नहीं हो रहा है, क्योंकि अभी वक्त है। एग्जाम अगले महीने आखिर में भी होते हैं, तब भी मुश्किल नहीं होगी। सीबीएसई के एक अधिकारी ने कहा कि इस पर फैसला मंत्रालय के स्तर पर होगा।
कैंसिलेशन से पहले पोस्टपोन करना है विकल्प
कोविड की दूसरी लहर में स्टूडेंट्स और यंगस्टर्स के संक्रमित होने के मामले काफी ज्यादा बढ़े हैं। इस नजरिए से भी सोचा जा रहा है। ऐसे में एग्जाम पोस्टपोन नहीं बल्कि कैंसल करने की मांगें तेजी से बढ़ रही हैं। हालांकि, सीबीएसई का एग्जाम कैंसल करने का इरादा नहीं है क्योंकि उसके पास एग्जाम पोस्टपोन करने का ऑप्शन है। ऑनलाइन एग्जाम के ऑप्शन पर सीबीसई के एक अधिकारी का कहना है कि यह बहुत मुश्किल है, इसके लिए बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर चाहिए, साथ ही लाखों बच्चों के पास यह सुविधा नहीं है।
प्रैक्टिकल पर भी नहीं लिया गया है फैसला
सीबीएसई के प्रैक्टिल एग्जाम भी पोस्टपोन किए गए हैं। दिल्ली में स्कूल बंद होने के बाद कई स्टूडेंट्स के प्रैक्टिकल्स रह गए हैं। इसे लेकर भी सीबीएसई को फैसला लेना बाकी है। दिल्ली में सभी स्कूल बंद हैं और इन्हीं स्कूलों में एग्जाम होते हैं। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि अभी हर एक्टिविटी के लिए स्कूल अगले आदेश तक बंद है। अगर कोरोना की स्थिति ऐसी ही रही, तो हम नहीं चाहते हैं कि मई शुरुआत में एग्जाम सेंटर्स में एग्जाम हों।