बंगाल चुनावः अब बोले BJP नेता- सीतलकुची में 4 नहीं, मारे जाने चाहिए थे 8 लोग, केंद्रीय बलों को जारी हो शोकॉज नोटिस – Jansatta

उधर, सितलकुची के लोगों ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अभी तक उसने अपना प्रतिनिधिमंडल गांव में क्यों नहीं भेजा। इसी जिले में बीजेपी नेता अमित सरकार की मौत पर आयोग तुरंत सक्रिय हो गया था। जिले के एसपी को भी तत्काल तब्दील कर दिया गया था।

चुनाव आयोग के अधिकारी EVM मशीनों को ले जाते हुए (एक्सप्रेस फोटोः पृथा पॉल)

कूचबिहार में CISF की गोलियों से चार लोगों के मारे जाने के मामले में बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने कहा है कि केवल चार नहीं बल्कि आठ लोगों को गोलियां मारनी चाहिए थीं। उन्होंने इसके लिए केंद्रीय सुरक्षा बल को एक नोटिस जारी करने की भी मांग की है। राहुल के बयान से एक दिन पहले बंगाल बीजेपी चीफ दिलीप घोष मारे गए चारों लोगों को बैड ब्वॉय करार दिया था।

बकौल राहुल, उनसे पूछा जाना चाहिए कि आठ को क्यों नहीं मारा गया। गुंडे लोगों को वोट डालने से रोक रहे हैं। केंद्रीय बलों को उनकी सटीक जवाब देना चाहिए। अगर ऐसा दोबारा होता है तो हमारे जवान उन्हें फिर से करारा जवाब देंगे। उन्होंने एक अन्य घटना में उसी दिन हुई पांचवी मौत के लिए भी टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया। राहुल का कहना था कि बीजेपी का समर्थन करने के लिए 18 साल के युवक को गोली मार दी गई।

सौमवार को टीएमसी ने चुनाव आयोग के पास दिलीप घोष और राहुल सिन्हा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि बीजेपी के नेता हिंसा के लिए उकसा रहे हैं। पार्टी ने दोनों नेताओं के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की मांग की है। सीएम ममता बनर्जी ने भी बीजेपी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने बीजेपी की भर्त्सना करते हुए कहा कि हमारे देश में ऐसे नेता भी हैं। उधर, बंगाल की मंत्री ज्योतिप्रिया ने कहा कि आयोग बीजेपी को बैन करे।

गौरतलब है कि शनिवार को CISF जवानों ने फायरिंग कर दी थी। इसमें चार लोग मारे गए। पुलिस का कहना है कि स्थानीय लोग उस समय पोलिंग स्टेशन पर टूट पड़े जब अफवाह फैली कि एक लड़के को जवानों ने जमकर पीटा। हालांकि, लड़का बीमारी की वजह से गिर पड़ा था। उसे अस्पताल भी ले जाया गया। घटना में मारे गए लोगों की पहचान हामिदुल मिलान (31), मोनिरुज्जमन (28), आलम (20) समीउल हक (18) के रूप में हुई है।

इसके अलावा एक अन्य घटना में आनंद बर्मन को सितलकुची के पठानतुली इलाके में बूथ नंबर 85 के बाहर घसीटकर लाया गया और गोली मार दी गई। घटना के वक्त मतदान चल रहा था। इस घटना के बाद तृणमूल और भाजपा समर्थकों में झड़प शुरू हो गई और मतदान केंद्र के बाहर बम फेंके जाने के कारण कई लोग घायल हो गए। ऐसे में केंद्रीय बलों को स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

गांव वालों का सवाल- कहां है चुनाव आयोग

उधर, सितलकुची के लोगों ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अभी तक उसने अपना प्रतिनिधिमंडल गांव में क्यों नहीं भेजा। इसी जिले में बीजेपी नेता अमित सरकार की मौत पर आयोग तुरंत सक्रिय हो गया था। जिले के एसपी को भी तत्काल तब्दील कर दिया गया था। आयोग ने विवेक दुबे को स्पेशल आब्जर्वर बनाकर भेजा था। गांव वालों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए।

पुलिस का कहना था कि पोलिंग स्टेशन के बाहर लगे कैमरे गांव के लोगों ने तोड़ दिए। जबकि गांव वालों का कहना है कि पुलिस झूठ बोल रही है। उनका कहना है कि प्रशासन ने अभी तक इस बात का भी खुलासा नहीं किया है कि पीठासीन अधिकारी ने चार लोगों की हत्या पर क्या रिपोर्ट भेजी। फिलहाल गांव के लोगों ने पोलिंग स्टेशन के पास चार लोगों की याद में एक मेमोरियल बनाया है। उनका कहना है कि जब ममता जब गांव में आएंगी तो इसका लोकार्पण करेंगी। गांव वालों का कहना है कि प्रशासन ने चारों मृत लोगों की सही जानकारी भी सामने नहीं रखी

कोलकाता उच्च न्यायालय में दो जनहित याचिकाएं दायर

सीतलकूची इलाके में सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा गोलीबारी की घटना की न्यायिक जांच के अनुरोध को लेकर सोमवार को कोलकाता उच्च न्यायालय में दो जनहित याचिकाएं दायर की गईं। एक याचिकाकर्ता के वकील फिरदौस शमीम ने कहा कि अदालत से अनुरोध किया गया है कि सीआईएसएफ की उस कंपनी को पश्चिम बंगाल में चुनाव की ड्यूटी से हटाने का आदेश दिया जाए जिसके जवानों ने सीतलकूची में गोली चलाई थी। घटना की न्यायिक जांच कराई जाए। एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील रविशंकर चटर्जी ने बाद में कहा कि इस मामले को एक खंडपीठ के सामने शुक्रवार को पेश किया जा सकता है जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश टीबी एन राधाकृष्णन करेंगे।

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