क्या निर्वाचन आयोग के फैसले से ममता को मिलेगा चुनावी फायदा? जानें हो सकता है इसका असर – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • अगले 24 घंटे तक चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं ले सकेंगे सीएम ममता बनर्जी
  • चुनाव आयोग ने भाषण को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का दोषी माना
  • चुनाव के दौरान सुरक्षाबलों का घेराव करने व उनका विरोध करने की बात कही थी

कोलकाता
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बीच चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाते हुए अगले 24 घंटे तक पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है। आयोग ने ममता बनर्जी को भड़काऊ भाषण देने के मामले में आरोपी माना है। कूच बिहार में एक जनसभा में ममता ने हिंदू-मुस्लिम के आधार पर भी वोट मांगे थे। यह रोक सोमवार रात आठ बजे से लागू हो गई है। चुनाव आयोग ने इससे पहले ममता को नोटिस जारी कर इस मामले में स्‍पष्‍टीकरण मांगा था।

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ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या चुनाव के बीच ममता बनर्जी पर बैन लगाने से उन्हें कोई इसका राजनीतिक रूप से फायदा मिल सकता है। जानकारों का मानना है कि ममता के लिए यह फैसला इस बात पर निर्भर करेगा कि जनता उनके भाषण को लेकर क्या राय रखती है। विश्लेषकों का एक धड़ा मानता है कि ममता को चुनाव आयोग के इस रुख से ममता बनर्जी को फायदा मिल सकता है। ममता के समर्थक पहले से ही चुनाव आयोग पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगा चुके हैं। ऐसे में इस फैसले से लोगों में यह संदेश जाएगा कि ममता बनर्जी को हराने के लिए भाजपा किसी भी हद तक जाने को तैयार है।

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वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि ममता बनर्जी का भाषण साफ तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन था। ऐसे में उनपर यह कार्रवाई होने से लोगों में चुनाव आयोग की छवि मजबूत होगी। ममता पर यह बैन कूच बिहार में दिए गए उनके भाषण को लेकर भी लगाया गया है। अपने भाषण में ममता बनर्जी ने महिला मतदाताओं से अपील की थी कि वह चुनाव के दौरान सुरक्षाबलों का घेराव करें। ममता ने कहा था कि सुरक्षाबल के जवान एक खास पार्टी को वोटिंग के दौरान मदद पहुंचा सकते हैं, इसलिए लोग उनका विरोध करें।

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इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीन अप्रैल को रायदिघी की एक जनसभा में एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और आईएसफ के अध्यक्ष अब्बास सिद्दीकी पर जोरदार प्रहार किया था। ममता ने आरोप लगाया था कि इन दोनों नेताओं को हिंदू ओर मुस्लिमों को बांटने के लिए बीजेपी ने पैसे दिए हैं। जनसभा में ममता ने कहा था कि मुस्लिम समाज के लोग इन दोनों नेताओं को अपना वोट न दें नहीं तो इससे बीजेपी को ही फायदा होगा। अगर बीजेपी सत्‍ता में आ गई तो हमारे गांवों में अशांति फैल जाएगी। बीजेपी ने ममता के इस बयान की चुनाव आयोग में शिकायत की थी।

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