कोरोना: भारत ने रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V के आपातकालीन इस्तेमाल को दी मंज़ूरी-प्रेस रिव्यू – BBC हिंदी

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अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार भारत की ड्रग नियामक संस्था ने सोमवार देर रात कोविड-19 की रूस में बनी वैक्सीन स्पुतनिक V को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंज़ूरी दे दी.

अख़बार ने रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फ़ंड (आरडीआईएफ़) के हवाले से यह जानकारी दी है.

इससे कुछ ही घंटों पहले भारतीय एक्सपर्ट पैनल ने कोरोना संक्रमण के आपातकालीन मामलों में स्पुतनिक V के इस्तेमाल को मंज़ूरी देने की सिफ़ारिश की थी.

इसी के साथ अब भारत के कोविड-19 के ख़िलाफ़ जंग में तीन वैक्सीन हैं. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया और ऑक्सफ़र्ड-एस्ट्राजेनेका के सहयोग से बनी कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस की स्पुतनिक V.

रूस की स्पुतनिक V को अब भारत समेत 60 देशों में मंज़ूरी मिल चुकी है.

विशेषज्ञ ये उम्मीद जता रहे थे कि भारत स्पुतनिक V को जल्दी ही मंज़ूरी दे सकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने दो दिन पहले ही कहा था कि स्पुतनिक के इस्तेमाल को एक हफ़्ते या 10 दिन के भीतर मंज़ूरी मिल जाएगी.

भारत में वैक्सीन वितरण के लिए आरडीआईएफ़ ने डॉक्टर रेड्डीज़ लैब और ग्लैंड फ़ार्मा समेत कुल पाँच कंपनियों के साथ करार किया है.

पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्य वैक्सीन की कमी की शिकायत कर रहे थे. इतना ही नहीं, वैक्सीन की कमी के कारण कई टीकाकरण केंद्रों को बंद भी करना पड़ा था.

रेमडेसिवियर

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पैरासिटामॉल की तरह सबको रेमडेसिवियर भी उपलब्ध कराएं: गुजरात हाई कोर्ट

गुजरात में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेज़ी और अस्पतालों में फैली अव्यवस्था को लेकर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कई कड़े निर्देश दिए हैं.

अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में ख़बर है कि गुजरात हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और जस्टिस भार्गव करिया ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य प्रशासन को जमकर लताड़ा.

सोमवार को गुजरात में कोविड-19 के 6,021 नए मामले सामने आए थे और 55 लोगों की मौत हुई थी.

जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की बेंच ने एंटी वायरल दवा रेमडेसिवियर की कमी को लेकर गुजरात सरकार से कड़े सवाल पूछे.

बेंच ने आदेश दिया कि सरकार रेमडेसिवियर को उसी तरह सबके लिए उपलब्ध कराए जैसे कि पैरासीटामॉल.

इसके अलावा बेंच ने कॉर्पोरेट ऑफ़िसों को निर्देश दिया कि वो अपने अधिकारियों को रोज़ाना दफ़्तर बुलाने के बजाय एक-एक दिन छोड़कर बुलाएं.

पूर्वोत्तर भारतीय

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कोरोना: भेदभाव और उत्पीड़न का शिकार हुए पूर्वोत्तर राज्यों के लोग

अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू ने ख़बर छापी है कि कोरोना महामारी के दौरान भारत में पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को गंभीर भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है.

अख़बार ने यह बात इंडियन काउंसिल ऑफ़ सोशल साइंस रिसर्च (ICSSR) की एक स्टडी के हवाले से लिखी है.

आईसीएएसआर ने महामरी के दौरान पूर्वोत्तर के लोगों की मुश्किलों को लेकर एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें कहा गया है कि ‘भारत के दूसरे हिस्सों के लोग पूर्वोत्तर भारत के लोगों को देखर चीनी नागरिकों जैसा मानते हैं.”

इस स्टडी में पूर्वोत्तर राज्यों से ताल्लुक रखने वाले जितनों लोगों का इंटरव्यू किया गया था उसमें से कुल 78 फ़ीसदी लोगों ने कहा कि उनकी शारीरिक बनावट की वजह से लोग उनके प्रति पूर्वाग्रह रखते हैं.

स्टडी में कहा गया है कि पिछले साल भारत में कोरोना महामारी के प्रसार के बाद से पूर्वोत्तर के लोगों के साथ “नस्लीय नफ़रत और पूर्वाग्रहों से जुड़ी घटनाओं’ की संख्या बढ़ी है.

स्टडी में यह भी कहा गया है कि पिछले एक साल में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जब देश के अलग-अलग हिस्सों में पूर्वोत्तर के लोगों का उत्पीड़न किया गया और उन्हें ‘कोरोना वायरस’ कहा गया.

भारत-चीन

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भारत-चीन तनाव: कोर कमांडर स्तर की 11वीं बातचीत

पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव ख़त्म करने को लेकर चीनी सेना ने भारत के साथ11वें दौर की सैन्य स्तर की बातचीत के दूसरे दिन बयान जारी किया है.

चीनी सेना ने कहा कि भारत को सीमा पर तनाव कम करने के लिए ‘मौजूदा सकारात्मक माहौल’ का लाभ उठाना चाहिए.

चीनी सेना के वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता ने कहा, “हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष दोनों देशों की सेनाओं के बीच पिछली वार्ताओं में बनी सहमतियों का पालन करते हुए सीमा क्षेत्र पर तनाव कम करने की दिशा में आगे बढ़ेगा, जिस दिशा में चीन आगे बढ़ा है.”

दोनों देशों की सेनाओं के कोर कमांडर स्तर की 11वें दौर की बातचीत शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में भारत की ओर चुशूल में हुई थी.

13 घंटे चली बातचीत के एक दिन बाद शनिवार को भारतीय सेना ने बयान जारी किया. इस बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग, गोगरा, और डेपसांग में गतिरोध वाले हिस्सों में सैनिकों की वापसी को लेकर विस्तृत चर्चा की.

यह ख़बर दैनिक भास्कर ने प्रकाशित की है.

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