क्यों अधिक खतरनाक है कोरोना की दूसरी लहर? एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताई ये वजह – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • कोविड-दिशानिर्देशों के पालन को लेकर सख्त कदम उठाए जाने की वकालत
  • कोरोना संक्रमण में यूके, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील वाले वेरियंट ज्यादा खतरनाक
  • एक व्यक्ति अपने संपर्क में आने वाले 80-90 परसेंट लोगों को कर रहा संक्रमित

नई दिल्ली
देश में कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक रूप लेती जा रही है। देश में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ती संख्या पर दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना महामारी फैलाने वाले सार्सकोव-2 (SARS-Cov-2) का नया स्ट्रेन संक्रमण फैलाने की रफ्तार के लिहाज से पुराने या मूल स्ट्रेन से कहीं ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने चेताया कि यदि स्थिति में बदलाव नहीं हुआ तो बढ़ते इन्फेक्शन रेट की वजह से हमारे समूचे हेल्थ सिस्टम को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। गुलेरिया ने प्रशासन और एजेंसियों से जमीनी स्तर पर कोविड-दिशानिर्देशों का पालन कराए जाने को लेकर सख्त कदम उठाए जाने की बात कही।
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कोरोना दिशानिर्देशों का नहीं हो रहा पालन
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के तेजी से फैलने के पीछे सबसे बड़ी वजह तो मास्क नहीं पहनने, दो गज दूरी का पालन नहीं करने, वक्त-वक्त पर हाथ नहीं धोने जैसी लापरवाही है। अब लोग ज्यादा बेफिक्र हो गए हैं। वो संक्रमण से बचने को लेकर बहुत सतर्क नहीं हैं। इस कारण डेली कोरोना केस इतना ज्यादा हो गया है कि अस्पतालों में बेड नहीं बचे हैं।

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एक मरीज से संक्रमण का आंकड़ा 80 से 90 परसेंट तक
हमें पता चला है कि एक मरीज पिछले बार के मुकाबले इस बार कहीं ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रहा है। पहले एक मरीज अपने संपर्क में आने वाले 30 से 40 परसेंट लोगों को संक्रमित कर पाता था, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 80 से 90 परसेंट तक पहुंच गया है।” इसका मतलब है कि पहले किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बावजूद 100 में से 60-70 व्यक्ति संक्रमित नहीं होते थे, लेकिन अब तो मुश्किल से 10-20 लोग ही बच पाते हैं।

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ये तीन वेरियंट काफी खतरनाक

कोविड-19 महामारी फैलाने वाले सार्सकोव-2 वायरस के दुनियाभर में कई वेरियंट पाए जा रहे हैं। इनमें यूके, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील वाले वेरियंट ज्यादा तबाही मचा रहे हैं। दिल्ली में यूके और दक्षिण अफ्रीकी वेरियंट के मरीज ही पाए गए हैं। पंजाब में भी ज्यादातर केस यूके वेरियंट के ही हैं।

लोग लगवाएं कोरोना वैक्सीन, दो गज दूरी जरूरी
एम्स डायरेक्टर ने लोगों से कोरोना वैक्सीन लगवाने की बात कही। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि टीकाकरण एक माध्यम है जिससे कोविड पर नियंत्रण पाया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि यह कोविड के खिलाफ पूरी तरह सुरक्षित कर देता है। उनका कहना है कि ‘वैक्सीन आपको इम्यूनिटी देता है, आपको संक्रमण से नहीं बचाता। ऐसे में मास्क और दो गज की दूरी का नियम ही कोरोना से पूरी तरह बचा सकता है।

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