बंगाल में पोस्टर तक पहुंची जुबानी जंग: भाजपा का दावा, बंगाल बेटी चाहता है बुआ नहीं – अमर उजाला

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पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग द्वारा शुक्रवार को इसके लिए तारीखों का एलान कर दिया गया। इसके बाद अब इन राज्यों के अलग-अलग राजनीतिक दलों ने भी मोर्चा संभाल लिया है और चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं। फिलहाल सबसे ज्यादा हलचल इस वक्त ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल में है। वहां भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है।

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बंगाल बीजेपी ने अब इस चुनाव को बुआ-बेटी की जंग बनाना शुरू कर दिया है। पार्टी की तरफ से महिला नेताओं के पोस्टर जारी कर कहा गया है कि बंगाल को बुआ नहीं बेटी चाहिए। उधर टीएमसी ने भी इसपर पलटवार करते हुए जवाब दिया और कहा कि बंगाल को अपनी बेटी पसंद है।

 

दरअसल बीजेपी ने अपने पोस्टर में एक तरफ बंगाल की नौ पार्टी महिला नेताओं के चेहरे लगाए हैं और दूसरी तरफ ममता बनर्जी का चेहरा लगाया है। बीजेपी की महिलाओं में रूपा गांगुली, देबोश्री चौधरी, लॉकेट चटर्जी, भारती घोष, अग्निमित्र पॉल शामिल हैं। बीजेपी के इस पोस्टर में लिखा है, ‘बंगाल अपनी खुद की बेटी चाहता है, पिशी नहीं।’ बता दें कि ‘पिशी’ बंगाली शब्द है जिसका इस्तेमाल पितृपक्ष के लिए किया जाता है।

टीएमसी का पलटवार:

सत्ताधारी पार्टी टीएमसी ने भी बीजेपी के पोस्टर पर पलटवार किया है। पार्टी ने ममता बनर्जी को ‘बंगाल की बेटी’ के रूप में दर्शाया है।बता दें कि हाल ही में टीएमसी ने ममता को ‘बंगाल की बेटी’ के रूप में दिखाते हुए अपना मुख्य अभियान ‘बंगला निजेर मेयेके चैये’ की शुरुआत की थी। टीएमसी ने ममता की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था, ‘उनका जीवन न्याय के लिए संघर्षरत रहा है। उनकी मानवता ने बंगाल के हर व्यक्ति के दिल को छू लिया है। उनकी सादगी और दोस्ती ने उन्हें घर की बेटी बना दिया है। उनके नेतृत्व में बंगाल प्रगति के पथ पर आगे बढ़ा, इसीलिए हर कोई चिल्ला रहा है – बंगला निजेर मेयेके चैये।’

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