किसान आंदोलन में उपद्रव: दिल्ली पुलिस आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी; सिंघु, टीकरी बॉर्डर और लाल किले पर सुरक्षा… – दैनिक भास्कर

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5 मिनट पहले

किसानों ने मंगलवार को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह हिंसा हुई। फोटो में प्रदर्शनकारी एक पुलिसकर्मी से मारपीट करते हुए दिख रहे हैं।

कृषि कानूनों के विरोध में 2 महीने से शांतिपूर्ण चल रहा किसान आंदोलन मंगलवार को हिंसक हो गया। ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने नियम ही नहीं तोड़े, बल्कि तोड़फोड़ और सुरक्षाबलों से मारपीट भी की। दिल्ली पुलिस आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी। अभी दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों की मीटिंग चल रही है।

पुलिस का दावा है कि मंगलवार की हिंसा में 300 जवान घायल हुए हैं। एक एडिशनल DCP पर तलवार से हमला किया गया। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक इस पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी जा सकती है।

किसान नेता सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग करेंगे
मंगलवार को हिंसा की घटनाओं पर पुलिस अब तक 22 केस दर्ज कर चुकी है। जाहिर है, किसान नेताओं की चिंता बढ़ गई होगी। ट्रैक्टर रैली में हिंसा की घटनाओं पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चे के नेता आज 3 बजे सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग करेंगे। किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता एस एस पंढेर ने कहा है कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए कुछ गलत लोग प्रदर्शन में शामिल हो गए थे।

दिल्ली बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा, हरियाणा-पंजाब में हाई अलर्ट
दिल्ली में मंगलवार को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव में कई किसानों को भी चोटें आईं। ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत हो गई। आज पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और लाल किले पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उधर, हरियाणा और पंजाब सरकार ने अपने-अपने राज्यों में हाई अलर्ट कर दिया है।

किसान नेता बोले- हिंसा करने वाले खुद भुगतेंगे
मंगलवार को ट्रैक्टर रैली में शामिल उपद्रवी बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ते गए और लाल किले तक पहुंच गए। उन्होंने प्राचीर पर चढ़कर धार्मिक झंडा फहरा दिया। इस घटना पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आज कहा, ‘जिन्होंने हिंसा फैलाई और लाल किले पर झंडा फहराया, वे खुद भुगतेंगे। पिछले 2 महीने से एक समुदाय विशेष के खिलाफ साजिश चल रही है। यह आंदोलन सिखों का नहीं, बल्कि किसानों का है।’

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