अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में डोनाल्ड ट्रंप के ख‍िलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित – NDTV India

10 रिपब्लिकन सांसदों ने भी ट्रप पर महाभियोग के समर्थन में वोट दिया

वाशिंगटन:

डेमोक्रेटिक-नियंत्रित अमेरिकी प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के समर्थकों द्वारा कैपिटोल (US Capitol siege) पर किए गए हमले को लेकर, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई थी, ऐतिहासिक दूसरे महाभियोग (Impeachment against Trump) पर बहस  के बाद महाभियोग के प्रस्ताव को पास कर दिया. 197 के मुक़ाबले 232 वोटों से महाभियोग का प्रस्ताव पास हो गया है.10 रिपब्लिकन सांसदों ने भी महाभियोग के पक्ष में वोट दिया.अब सीनेट में 19 जनवरी को ये प्रस्ताव लाया जाएगा.

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ट्रंप अमेरिका के इतिहास में ऐसे पहले राष्ट्रपति बन गए हैं जिनके ख़िलाफ़ एक ही कार्यकाल में दो बार महाभियोग प्रस्ताव पारित हुआ है.इससे पहले अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने एक प्रस्ताव पारित करके देश के निवर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस से अपील की थी कि वह निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पद से हटाने के लिए 25वां संशोधन लागू करें. इस प्रस्ताव को मंगलवार को 205 के मुकाबले 223 मतों से पारित किया गया था. प्रस्ताव में पेंस से अपील की गई थी कि वह कैबिनेट से 25वां संधोशन लागू करने को कहें. इस संशोधन को पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की हत्या के मद्देनजर 50 साल से अधिक समय पहले पारित किया गया था. यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रपति पद पर सेवा देने उपयुक्त नहीं रह जाता, तो उसकी जगह किसी और की नियुक्त किए जाने का प्रावधान करने के लिए इस संशोधन का उपयोग किया जाता है.

कैपिटॉल हिल पर हुए हमले के बाद तमाम सोशल मीडिया मंचों द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बाद अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप  ने कहा है कि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पहले कभी इतने खतरे में नहीं थी. ट्रंप ने कहा, ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पहले कभी इतने खतरे में नहीं थी. मुझे 25वें संशोधन से ज़रा सा भी खतरा नहीं है, लेकिन नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और उनके प्रशासन के लिए यह आगे खतरा जरूर बन सकता है.” उन्होंने कहा, ‘‘देश के इतिहास में जानबूझकर किसी (ट्रंप) को परेशान करने के सबसे निंदनीय कृत्य को आगे बढ़ाते हुए महाभियोग का इस्तेमाल किया जा रहा है और इससे काफी गुस्से एवं विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो रही है. इसका दर्द इतना अधिक है कि कुछ लोग इसे समझ भी नहीं सकते, जो कि खासकर इस नाजुक समय में अमेरिका के लिए बेहद खतरनाक है.”

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