ब्राजील कोवैक्सिन के 50 लाख डोज खरीदेगा; भारत में दो वैक्सीन को मंजूरी मिली

भारतीय कंपनी भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सिन की दुनिया में डिमांड है। ब्राजीलियन एसोसिएशन ऑफ वैक्सीन क्लीनिक्स (ABCVAC) ने भारत बायोटेक के साथ समझौता किया है। इसके तहत ब्राजील को कोवैक्सिन के 50 लाख डोज दिए जाएंगे। हालांकि, इस पर अंतिम मुहर ब्राजीलियन हेल्थ रेग्युलेटर अन्विसा की अनुमति के बाद लगेगी।

3 जनवरी को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड और कोवैक्सिन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं। इससे पहले ही इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई। भारत बायोटेक ने अभी यह भी नहीं बताया है कि यह कितनी असरदार है। हां, यह जरूर बताया है कि यह इस्तेमाल के लिए 100% सुरक्षित है। इस बीच दिल्ली AIIMS के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दूसरा डोज लेने के 2 हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडीज डेवलप होंगी।

कोवैक्सिन और कोवीशील्ड 100% सुरक्षित
लोगों को टीके टीकाकरण कार्यक्रम के तहत लगाए जाएंगे। कंपनियों से कहा गया है- ‘तीसरे चरण के ट्रायल पूरा कर रिपोर्ट सौंपें, ताकि स्थायी लाइसेंस पर फैसला हो सके।’ DCGI ने कहा कि दोनों टीके से सामान्य या मामूली साइड इफेक्ट हैं। जैसे- हल्का बुखार, एलर्जी आदि हैं। लेकिन दोनों ही टीके 100% सुरक्षित हैं। टीके से नपुंसक होने जैसी बातें निराधार हैं।

संभव है जिस राज्य में कोवीशील्ड की खेप भेजी जाएगी, वहां कोवैक्सिन न भेजी जाए। इससे टीकाकरण के दौरान किसी तरह की असमंजस की स्थिति नहीं बनेगी। इसके लिए दो-तीन दिन में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) तय हो जाएंगे। मंजूर किए गए दोनों टीको की दो-दो डोज लगेंगी, जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को टीका देने का लक्ष्य है।

कोवैक्सिन: तीसरे चरण में 22 हजार लोगों को टीका दिया गया है, नतीजे आने अभी बाकी हैं
ICMR महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव ने बताया, ‘यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है। वायरस में अब तक जितने बदलाव हुए हैं यह सब पर काम करेगा। कितना प्रभावी है, यह अभी स्पष्ट नहीं। जानवरों पर हुए अध्ययन में यह पूरा प्रभावी रहा। पहले और दूसरे फेज में 800 लोगों को टीका दिया गया, उनमें से किसी को भी कोरोना नहीं हुआ। तीसरे फेज में जिन 22 हजार लोगों को टीका दिया गया, उनमें अब तक साइड इफेक्ट नहीं दिखा है। आखिरी नतीजे आने बाकी हैं।’

कोवीशील्ड: हाफ डोज 90% तक कारगर, दो फुल डोज 62% कारगर; औसत 70%
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO अदार पूनावाला ने बताया, ‘अभी हम टीका सिर्फ सरकार को देंगे। जब हमारे पास स्थायी लाइसेंस होगा, तब हम निर्यात भी कर सकते हैं, इसमें कोई परेशानी नहीं।’ ट्रायल में कोवीशील्ड का वॉलेंटियर्स को पहले हाफ फिर फुल डोज दिया गया। हाफ डोज 90% असरदार रहा। एक माह बाद फुल डोज दिया गया। जब दोनों फुल डोज दिए गए तो असर 62% रह गया। दोनों ही तरह के डोज में औसत प्रभावशीलता 70% रहेगी।

अभी सिर्फ वयस्कों का टीकाकरण, बाद में 18 साल से कम उम्र वालों पर भी रिसर्च की जाएगी
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कोवीशील्ड के करीब 7.5 करोड़ और कोवैक्सिन के करीब 1 करोड़ डोज तैयार हैं। ICMR के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव ने कहा कि अभी दुनिया में वयस्कों को ही टीका लग रहा है। बाद में 18 साल से कम उम्र वालों पर रिसर्च होगी, नतीजे आने पर इस आयु वर्ग के लोगों को टीका देने पर फैसला होगा।

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Approval of 2 vaccines in india / AIIMS Director said – 2 weeks after taking the second dose, Endobodies will develop

Source: DainikBhaskar.com

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