भाग्य लक्ष्मी मंदिर पहुंचे अमित शाह, क्या चार मीनार से सटे इस धर्म स्थल से खुलेगा हैदराबाद में BJP का भाग्य? जानिए राजनीतिक महत्व – Jansatta

भाग्य लक्ष्मी मंदिर पहुंचे अमित शाह, क्या चार मीनार से सटे इस धर्म स्थल से खुलेगा हैदराबाद में BJP का भाग्य? जानिए राजनीतिक महत्व

हैदराबाद के महानगरपालिका चुनाव में भाजपा के केंद्र के तौर पर उभरा है भाग्यलक्ष्मी मंदिर।

जनसत्ता ऑनलाइन
Edited By कीर्तिवर्धन मिश्र

हैदराबाद | Updated: November 29, 2020 1:23 PM
Amit Shah, Bhagyalakshami Temple
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाग्यलक्ष्मी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को हैदराबाद पहुंच कर ग्रेटर हैदराबाद महानगरपालिका चुनाव के लिए प्रचार अभियान में हिस्सा लेंगे। हालांकि, इससे पहले शाह हैदराबाद में ही स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर के दौरे पर पहुंचे। यूं तो चार मीनार ले लगा यह मंदिर छोटा सा ही है, पर चुनाव की तैयारियों में लगी भाजपा ने फिलहाल इसे केंद्र बना लिया है।

कैसे लाइमलाइट में आया भाग्यलक्ष्मी मंदिर?: दरअसल, कुछ दिन पहले ही राज्य चुनाव आयोग ने तेलंगाना सरकार को निर्देश दिए कि वह बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत मुहैया कराना बंद करे। इस बीच कुछ खबरें आईं कि भाजपा नेताओं के कहने के बाद ही चुनाव आयोग ने यह रोक लगाई। हालांकि, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने सभी आरोपों से किनारा करते हुए कहा कि वे हैदराबाद ओल्ड सिटी में मौजूद भाग्यलक्ष्मी मंदिर जाकर सच की शपथ लेंगे और भाजपा पर लग रहे आरोपों को गलत साबित करेंगे।

इसके बाद पिछले शुक्रवार को बंदी संजय कुमार के साथ उनके सैकड़ों समर्थक चार मीनार से सटे इस मंदिर में पहुंच गए। गौरतलब है कि ओल्ड सिटी का यह इलाका ओवैसी बंधुओं का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है। साथ ही यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी भी बसी है। भाजपा समर्थकों के चार मीनार के पास से गुजरने के बाद इलाके में थोड़ा तनाव भी हुआ था।

गौरतलब है कि दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई प्रहलाद मोदी भी भाग्यलक्ष्मी मंदिर के दौरे पर पहुंचे थे। एक साल पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत भी हैदराबाद दौरे से पर सबसे पहले इस मंदिर ही पहुंचे थे। इसके बाद ही उन्होंने मौज्जम जाही मार्केट में सभा को संबोधित किया था।

GHMC चुनाव से पहले ही भाजपा का गढ़ क्यों बना भाग्यलक्ष्मी मंदिर?: राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा का अचानक से भाग्यलक्ष्मी मंदिर को केंद्र बना लेना एक राजनीतिक चाल है। इसकी एक वजह यह है कि यह मंदिर चारमीनार से सटा है। यूं तो यह साबित हो चुका है कि मंदिर कई सालों बाद आया, पर भाजपा इस जगह के हिंदू उद्गम के बारे में बात करना चाहती है। अगर भाजपा यहां अच्छी सीट लाती है, तो भाजपा इसे तीर्थस्थल की तरह बना देगी।

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