कोरोना काल में बंद हुई पढ़ाई के बावजूद राजस्थान के सभी स्कूली बच्चों को परीक्षा देनी होगी। सरकार ने सिलेबस 50% कम करने की तैयारी कर ली है। यही नहीं, पासिंग मार्क्स भी 33% से घटाकर 26% कर दिए जाएंगे। ये प्रपोजल शिक्षा विभाग ने तैयार किया है। भास्कर से बातचीत में प्रदेश के शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने ये बात कही। उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस प्रपोजल को अंतिम रूप दे दिया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी स्कूलों में पहली से 8वीं तक के बच्चों को एक वर्कबुक दी जा रही है। इस वर्क बुक में बच्चे घर पर ही पढ़ाई करेंगे और वर्क बुक भरकर स्कूल में जमा कराएंगे। इसे टीचर्स चेक करेंगे। इसके बाद बच्चों की तय समय पर परीक्षा ली जाएगी। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि वर्कबुक सिर्फ सरकारी स्कूल के बच्चों को मिलेगी या निजी स्कूलों को भी जारी होगी।
3 दिसंबर को होनी है बैठक
सौरभ स्वामी ने बताया कि राजस्थान में घर बैठे बच्चों को पढ़ाने के लिए के प्रयासों से ई-क्लासेस शुरू की गईं। टीचर्स द्वारा तैयार वीडियो सोशल मीडिया पर डाले जा रहे हैं। इसके जरिए हजारों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। भास्कर ने सौरभ स्वामी से जब सवाल किए, तो उन्होंने कहा कि इस बार कोई भी छात्र बिना परीक्षा पास नहीं होगा। उन्होंने बताया कि 3 दिसंबर को जयपुर में होने वाली बैठक में हम प्रपोजल रख देंगे। इसके बाद इसे फैसले के तौर पर लागू किया जाएगा।
प्रपोजल पास हुआ तो कैसे होंगी परीक्षाएं?
15 मार्च से राज्य के सभी निजी और सरकारी स्कूल बंद हैं। पढ़ाई ऑनलाइन ही हो रही है। शिक्षा विभाग का परीक्षा का प्रपोजल पास हुआ तो इसका असर पहली से 8वीं तक पढ़ने वाले करीब 40 लाख छात्रों पर पड़ेगा। परीक्षा की प्रॉसेस क्या होगी, यह अभी तय नहीं है। शिक्षा विभाग इसे बाद में फाइनल करेगा। विभाग के मुताबिक, परीक्षाएं ऑनलाइन नहीं होंगी। लेकिन, यह जानकारी भी अभी नहीं दी गई है कि अगर सेंटर्स में जाकर बच्चों को एग्जाम देना पड़ा तो इसके लिए नियम-कायदे और व्यवस्थाएं क्या होंगी।
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Source: DainikBhaskar.com