वायरल ऑडियो में आवाज लालू प्रसाद यादव की निकली तो किसे क्या नफा-नुकसान? समझें पूरा माजरा – Navbharat Times

रांची
बिहार में विधानसभा स्पीकर के चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने एक ऑडियो ट्वीट किया है, जिसमें लालू प्रसाद यादव की आवाज में शख्स परपैंती के बीजेपी विधायक ललन पासवान से वोटिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं होने की बात कही जा रही है। बीजेपी के नेता आरोप लगा रहे हैं कि यह आवाज लालू प्रसाद यादव की है, लेकिन आरजेडी नेताओं का कहना है कि यह फेक ऑडियो है। सुशील कुमार मोदी का यह प्रोपेगेंडा है। देश में लालू प्रसाद यादव की आवाज निकालने वाले कई लोग हैं। ऑडियो आने के बाद से दोनों पक्षों की तरफ से आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। लेकिन राजनीतिक बयानबाजी एक तरफ है। इसमें यह समझने की जरूरत है कि अगर यह ऑडियो सही साबित होता है और इसमें मौजूद आवाज लालू प्रसाद यादव की साबित होती है तो इसका असर किसपर होगा।

कहीं लालू की बेल रोकने की तैयारी तो नहीं कर रही बीजेपी?
ऑडियो वायरल होने के बाद आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेता सुशील मोदी ने सोची समझी रणनीति के तहत इस ऑडियो को वायरल किया है। उन्होंने कहा कि सुशील कुमार मोदी उपमुख्यमंत्री की कुर्सी जाने के बाद इन दिनों बेरोजगार घूम रहे हैं। अपनी बेरोजगारी दूर करने के लिए सुशील मोदी बेमतलब में लालू यादव का नाम उछाल रहे हैं।

ऑडियो वायरल मामले में रांची हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाने की भी बात कही गई है। अगर ऑडियो जांच में सही पाया जाता है कि लालू प्रसाद यादव जेल में रहते हुए बाहर के लोगों से फोन पर बात करते हैं तो उन्हें बुजुर्ग और बीमार कैदी के रूप में मिलने वाली सुविधाएं बंद हो सकती है। पूरे विधानसभा चुनाव में आरोप लगते रहे कि लालू प्रसाद यादव ने रिम्स के डायरेक्टर के बंगले केली हाउस में रहते हुए अपनी पार्टी के लिए रणनीति तैयार करते रहे। इन आरोपों का अब तक कोई सबूत सामने नहीं आया था, लेकिन अगर यह फोन कॉल वाला ऑडियो सही साबित होता है तो लालू यादव के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।












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लालू के जेल से बाहर आना लटक सकता है
लालू यादव को भ्रष्टाचार के मामले में जितनी भी सजा मिली है उन सबमें उन्होंने आधी सजा काट ली है। इस आधार पर उन्हें जमानत मिलने की उम्मीद है। लेकिन अगर यह ऑडियो सही साबित होता है तो उनकी जमानत अर्जी भी खारिज हो सकती है। ऐसे में लालू यादव के जेल से बाहर आने की उम्मीद और लंबी खींच सकती हैं।

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इसलिए यहां ध्यान देने की जरूरत यह है कि सुशील मोदी की ओर से यह ऑडियो सार्वजनिक करने के पीछे का मकसद बिहार विधानसभा में स्पीकर के चुनाव में महागठबंधन की ओर से धांधली की कोशिश से ज्यादा लालू यादव को जेल से बाहर आने से रोकना होगा। क्योंकि स्पीकर के चुनाव से इस ऑडियो को कोई नफा नुकसान नहीं होता बल्कि यह सीधे सीधे लालू यादव को जेल से बाहर आने में बाधक बनने से है।

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लालू प्रसाद यादव

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