31 अक्टूबर को होंगे दुर्लभ चांद के दर्शन, सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद पहली बार दिखेगा ऐसा नजारा – Zee News Hindi

नई दिल्लीः साल 2020 का अक्टूबर महीना शनिवार (31 अक्टूबर) को ‘ब्लू मून’ का गवाह बनेगा और इस दौरान एक महीने के भीतर दूसरी बार दुर्लभ पूर्ण चंद्र दिखेगा. आम तौर पर हर महीने में एक बार पूर्णिमा और एक बार अमावस्या होती है. हालांकि ये बेहद दुर्लभ है कि एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा यानी कि पूर्ण चंद्र हो, ऐसे में दूसरे पूर्ण चंद्र को ‘ब्लू मून’ कहा जाता है. 

सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद पहला ग्लोबल ‘ब्लू मून’
शनिवार को ‘ब्लू मूल’ की साक्षी पूरी दुनिया बनेगी. इसके बाद अब लोगों को वर्ष 2039 में ‘ब्‍लू मून’ देखने को मिलेगा. शनिवार को दुनियाभर के लोग ऐसे दुर्लभ चांद को अपनी आंखों से देख पाएंगे. इस तरह का हैलोवीन लगभग 8 दशक बाद नजर आने वाला है. 

बताया जाता है कि जब दूसरा वर्ल्‍ड वॉर हुआ था तब पूरे विश्‍व में ‘ब्लू मून’ एक साथ देखा गया था. उसके बाद ऐसे चांद का दीदार करने के लिए 76 साल का लंबा समय लग गया है. जानकारों की मानें तो ‘ब्लू मून’ कहलाने वाला यह दुर्लभ नजारा इस बार लोगों के लिए काफी खास देगा.

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भारत में इससे पहले 2018 में दिखा ‘ब्लू मून’
‘ब्लू मून’ को लेकर मुंबई के नेहरू तारामंडल के निदेशक अरविंद परांजपे ने कहा कि एक अक्टूबर को पूर्णिमा थी और अब दूसरी पूर्णिमा 31 अक्टूबर को होगी. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ गणितीय गणना भी शामिल है. निदेशक ने कहा, ‘चंद्र मास की अवधि 29.531 दिनों अथवा 29 दिन, 12 घंटे, 44 मिनट और 38 सेकेंड की होती है, इसलिए एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा तक होती है जब पहली पूर्णिमा महीने की पहली या दूसरी तारीख को हो.’

परांजपे ने कहा कि 30 दिन वाले महीने में पिछली बार 30 जून, 2007 को ‘ब्लू मून’ रहा था और अगली बार यह 30 सितंबर 2050 को होगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में दो बार ऐसा अवसर आया जब ‘ब्लू मून’ की घटना हुई. उस दौरान पहला ‘ब्लू मून’ 31 जनवरी जबकि दूसरा 31 मार्च को हुआ. इसके बाद अगला ‘ब्लू मून’ 31 अगस्त 2023 को होगा.

2020 के बाद 2050 में दिखाई देगा ‘ब्लू मून’
दिल्ली के नेहरू तारामंडल की निदेशक एन रत्नाश्री ने कहा, ’30 दिन के महीने के दौरान ‘ब्लू मून’ होना कोई आम बात नहीं है.’ 

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