अजीत डोभाल की चीन-पाकिस्तान को चेतावनी!.. ‘यह नया भारत, जहां से खतरा होगा, वहीं करेंगे मुकाबला’ – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • अजीत डोभाल ने ऋषिकेश में पाक-चीन को दिया कड़ा संदेश
  • बोले, अब देश को जहां खतरा होगा, हम वहीं करेंगे मुकाबला
  • कहा, परमार्थ के लिए देश में ही नहीं, विदेश में भी करेंगे युद्ध

ऋषिकेश
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने विजयादशमी के मौके पर चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। चीन के साथ एलएसी पर जारी तनाव के बीच डोभाल ने संतों की एक सभा को संबोधित करते हुए रविवार को कहा कि नया भारत नए तरीके से सोचता है और हम भारत में ही नहीं बल्कि विदेशी धरती पर भी लड़ेंगे। हमें जहां भी खतरा दिखेगा, हम वहां प्रहार करेंगे।

डोभाल उत्तराखंड के ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन आश्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमने किसी पर भी पहले आक्रमण नहीं किया। इसके बारे में सबके अपने विचार हैं। अगर खतरा कहीं से आ रहा था तो कर देना चाहिए था। देश को बचाना आवश्यक होता है। उन्होंने आगे कहा कि हम वहीं लड़ेंगे जहां पर आपकी इच्छा है, यह जरूरी तो नहीं। हम वहीं लड़ेंगे जहां से हमारे ऊपर खतरा आ रहा है और हम उस खतरे का मुकाबला वहीं करेंगे।

परमार्थ के लिए युद्ध करेंगेः डोभाल
डोभाल ने आगे कहा कि हमने अपने स्वार्थ के लिए युद्ध नहीं किया। हम युद्ध तो करेंगे। अपनी जमीन पर भी करेंगे और बाहर भी करेंगे लेकिन अपने निजी स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि परमार्थ के लिए करेंगे। माना जा रहा है कि डोभाल ने अपने बयान के जरिए पाकिस्तान और चीन को कड़ा संदेश दिया है। हालांकि, आधिकारिक सूत्र इससे अलग राय रखते हैं। डोभाल के बयान के बाद आधिकारिक सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने जो कुछ भी कहा, वह सभ्यता के संदर्भ में था। उनकी टिप्पणी मौजूदा संदर्भ में किसी के खिलाफ नहीं है।

चीनी राष्ट्रपति ने राष्ट्रवादी बयान
बता दें कि बीते दिनों चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोरियाई युद्ध की सालगिरह पर राष्ट्रवादी संदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि हम कभी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों को नुकसान पहुंचाने की किसी को अनुमति नहीं देंगे। जिनपिंग ने कहा था कि हम किसी को अपने देश में घुसपैठ और हमारी पवित्र मातृभूमि के विभाजन की इजाजत नहीं देंगे। अगर ऐसी कोई गंभीर परिस्थिति आती है तो चीनी लोग निश्चित रूप से इसका प्रतिकार करेंगे। माना जा रहा है कि चीनी राष्ट्रपति का यह बयान भारत, अमेरिका या ताइवान के लिए हो सकता है। तीनों देश फिलहाल, चीन के लिए चुनौती बने हुए हैं।

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