बॉलीवुड अभिनेत्री मल्लिका शेरावत 44 साल की हो गई हैं। मल्लिका 2018 में वेबसीरीज ‘द स्टोरी’ में नजर आई थीं। उन्होंने डायरेक्टर गोविंद मेनन की फिल्म ‘ख्वाहिश’ (2003) से बॉलीवुड डेब्यू किया था। हालांकि, उन्हें पहचान 2004 में आई डायरेक्टर अनुराग बसु की फिल्म ‘मर्डर’ से मिली थी। 2015 में आई ‘डर्टी पॉलिटिक्स’ उनकी आखिरी बॉलीवुड फिल्म थी।
मल्लिका ने जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे। परिवार उनके फिल्मों में आने के फैसले से खुश नहीं थी। वहीं, फिल्मी दुनिया में भी उनका फायदा उठाने की कोशिश करने वालों की कमी नहीं थी।
IAS बनाना चाहते थे पिता
हरियाणा के रोहतक में एक जाट परिवार में जन्मी मल्लिका का असली नाम रीमा लांबा है। मल्लिका हरियाणा के फेमस सोशल एक्टिविस्ट और फ्रीडम फाइटर सेठ छज्जू राम के परिवार में पैदा हुई थीं।
मल्लिका के पिता मुकेश लांबा ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मैं उसे आईएएस बनाना चाहता था मगर उसकी इच्छा एक्टिंग करने की थी। मैं नहीं चाहता था कि वो एक्टिंग करे और इस बात से नाराज होकर मैंने उससे कहा था कि वो मेरा सरनेम लांबा हटा दें।’
इसके बाद दिल्ली में पढ़ने गईं मल्लिका ने फैमिली से मिलना-जुलना कम कर दिया। उनके पिता ने बताया, वह किसी त्योहार पर मिलने आ जाती थीं। हालांकि, अब मल्लिका के परिवार से रिश्ते सुधर चुके हैं।
फायदा उठाना चाहते थे लोग
‘मर्डर’ (2004) जैसी फिल्म में बोल्ड सीन दे चुकीं मल्लिका शेरावत ने बताया था कि रियल लाइफ में कॉम्प्रोमाइज न करने की वजह से उन्हें कई फिल्मों से निकाला गया। मल्लिका ने कुछ साल पहले एक न्यूज एजेंसी को कई चौंकाने बातें बताई थीं। उन्होंने कहा था, “मुझ पर कई तरह के आरोप लगाए गए। मेरे बारे में कई तरह की राय बनाई गई। अगर आप पर्दे पर शॉर्ट स्कर्ट पहनती हैं, किस करती हैं तो आप एक गिरी हुई लड़की हैं, जिसमें कोई नैतिकता नहीं है। आदमी आपका फायदा उठाना चाहते हैं। मेरे साथ ऐसा हुआ है।
मुझे एक प्रोजेक्ट से सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया था, क्योंकि उसके हीरो के साथ सोने से मैंने इनकार कर दिया था। हीरो ने कहा था- तुम मेरे साथ क्यों नहीं सोतीं? जब तुम पर्दे पर यह सब कर सकती हो तो प्राइवेट में मेरे साथ करने में क्या दिक्कत है? मैंने ऐसी बातों के लिए इनकार करने की वजह से कई प्रोजेक्ट्स गंवाए हैं। हमारी सोसाइटी की यह विडंबना है, जिससे देश की महिलाएं जूझ रही हैं।”
‘मैं कॉम्प्रोमाइज नहीं कर सकती’
– मल्लिका ने इंटरव्यू में आगे कहा था, “मैं साहसी महिला हूं और कॉम्प्रोमाइज नहीं कर सकती। मैं बहुत स्वाभिमानी हूं, मेरा आत्मसम्मान है। कई बार ऐसा हुआ है कि डायरेक्टर ने मुझे फोन कर रात के 3 बजे मिलने के लिए बुलाया। लेकिन मुझे इस बारे में बात करने में बहुत डर लगा। मैंने सोचा लोग तो मुझे ही जिम्मेदार ठहराएंगे। कहेंगे कि मैंने ही डायरेक्टर को ऐसा करने के लिए कहा होगा। हमारी सोसाइटी में पीड़िता पर हमेशा आरोप लगाए जाते हैं।
इनसिक्योर महसूस करती थीं मल्लिका
मल्लिका ने बातचीत में अपना एक पुराना इंसिडेंट भी रिकॉल कराया था। उन्होंने कहा था, “एक शख्स मेरे साथ फोन पर, लेटर लिखकर बदसलूकी करता था। उसे मेरे छोटे स्कर्ट पहनने से प्रॉब्लम थी। वह चाहता था कि मैं भी हरियाणा की बाकी महिलाओं की तरह साड़ी पहनूं और सिर पर पल्लू लेकर घूमूं। यह उसकी निजी राय थी, लेकिन मुझे क्या पहनना है और क्या नहीं? यह फैसला करने वाला वह कौन हो सकता है।”
मल्लिका के मुताबिक, “जब लोगों ने मुझे जज किया तो मैं खुद को इनसिक्योर महसूस करती थी। खुद की आलोचना करती थी और हर उस काम पर सवाल उठाती थी, जो मैंने किया। उस वक्त पूरा मीडिया मेरे खिलाफ था। उन्हें हमेशा सनसनी में इंटरेस्ट था और मुझे यह बहुत तकलीफ देता था।”
Source: DainikBhaskar.com