‘अब वक्त है अपना खून बहाने का…’, मोदी सरकार को तानाशाह बताकर महबूबा मुफ्ती ने खाई यह कसम – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने 14 महीने तक नजरबंद रहने के बाद शुक्रवार को की पहली कॉन्फ्रेंस
  • तिरंगे का अपमान कर महबूबा बोलीं- पुरानी स्थितियां बहाल नहीं होती तबतक नहीं उठाऊंगी कोई और झंडा
  • महबूबा मुफ्ती ने कहा, कश्मीर के लिए हजारों युवाओं ने अपनी जान कुर्बान की, अब अपना खून बहाने का वक्त

श्रीनगर
पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एक विवादित बयान दिया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि जबतक घाटी में पहले जैसी संवैधानिक स्थिति और जम्मू-कश्मीर का झंडा बहाल नहीं हो जाता है तबतक वह किसी भी अन्य झंडे को हाथ तक नहीं लगाएंगी। महबूबा की इस टिप्पणी को तिरंगे का अपमान माना जा रहा है। दरअसल, 14 महीने तक नजरबंद रहने के बाद महबूबा अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थीं।

मैं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अनुरोध करता हूं कि वह महबूबा मुफ्ती के देशद्रोही बयान का संज्ञान लें और उन्हें सलाखों के पीछे डालें।
रवींद्र रैना, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष

महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘5 अगस्त 2019 को जबसे हमारा ध्वज डकैतों द्वारा लूटा गया तबसे अबतक उसकी वापसी नहीं हुई है। मैं और कोई झंडा नहीं उठाऊंगी। जम्मू-कश्मीर का झंडा हमारे संविधान का हिस्सा है। तिरंगे से हमारा रिश्ता जम्मू-कश्मीर के झंडे से होकर ही गुजरता है। जब जम्मू-कश्मीर का झंडा हमारे हाथों में होगा तभी हम तिरंगा भी उठाएंगे।’ इस दौरान महबूबा ने यह भी कहा, ‘हजारों युवाओं ने जम्मू-कश्मीर के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान की है। अब वक्त है इस उद्देश्य के लिए राजनेताओं के खून बहाने का।’ महबूबा मुफ्ती के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जमकर निशाना साधा है। बीजेपी ने कहा कि धरती की कोई ताकत वह झंडा फिर से नहीं फहरा सकती और अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकती।

पढ़ें: तिरंगे का अपमान कर महबूबा बोलीं- ‘कश्मीर के झंडे के अलावा कोई झंडा नहीं उठाऊंगी’

‘बाकी विपक्षी दलों ने सोचा…’
यही नहीं, महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने देश के संविधान को ध्वस्त कर दिया है। बीजेपी संविधान के स्थान पर अपना घोषणापत्र थोपना चाहती है। उन्होंने कहा कि कुछ को छोड़कर देश में बाकी विपक्षी दलों ने यह सोचकर चुप्पी साध ली कि यह कश्मीर में हुआ है उनके साथ नहीं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘लेकिन बीजेपी ने तब उसी संविधान को ध्वस्त कर दिया, संशोधित नागरिकता कानून को पारित किया और लोगों को बांटने का काम किया। इसके बाद किसान विरोधी कानून लाए गए और अब मुझे लगता है कि वे दलितों, वंचित समुदायों के अधिकारों को छीन लेंगे।’

‘हिटलर जैसे कई लोग आए’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भाजपा देश के संविधान को बदलकर अपना घोषणापत्र थोपना चाहती है लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा। हिटलर जैसे कई लोग आए और चले गए । यह तानाशाही नहीं चलेगी।’ मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर के लोगों को पसंद नहीं करती और उसे केवल अपने क्षेत्र की चिंता है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने की लड़ाई जारी रखनी होगी।

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