हाथरस कांडः जिला अस्पताल के अहम सीसीटीवी फुटेज हुए डिलीट, खाली हाथ लौटी CBI – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • हाथरस कांड की जांच कर रही सीबीआई डॉक्टरों के बयान दर्ज करने पहुंची अस्पताल
  • जिला अस्पताल में पीड़िता को घटना के बाद सबसे पहले ले जाया गया था
  • अस्पताल में सीबीआई ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले लेकिन 14 सितंबर के फुटेज नहीं मिले
  • पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज नहीं किए थे कलेक्ट, अब बैकअप से हुए डिलीट

हाथरस
हाथरस में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की के कथित गैंगरेप और हत्या की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई की टीम जिला अस्पताल पहुंची, जहां उसे पीड़िता को घटना के बाद सबसे पहले ले जाया गया था। अस्पताल में सीबीआई ने सबूत जुटाने शुरू किए। यहां पर सीबीआई ने 14 सितंबर का सीसीटीवी फुटेज लेना चाहा लेकिन वह बैकअप में नहीं था।

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. इंद्रवीर सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन और पुलिस ने उस समय फुटेज नहीं लिए थे। अब एक महीने बाद सीसीटीवी फुटेज बैकअप में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल प्रशासन को फुटेज रखने को कहा जाता तो वह रखवा लेते। हर सात दिनों में पिछला फुटेज डिलीट हो जाता है और नया फुटेज उसके ऊपर रेकॉर्ड हो जाता है।

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डॉक्टरों के बयान दर्ज करने पहुंची सीबीआई
डॉक्टरों के बयान दर्ज करने और सबूतों की जांच करने के लिए सीबीआई की टीम अस्पताल पहुंची थी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि घटना के पहले दिन की फुटेज महत्वपूर्ण हो सकती थी। एक सूत्र ने कहा कि सीबीआई टीम फुटेज इसलिए चाहती थी ताकि पता हो सके कि पीड़िता को किस समय अस्पताल लाया गया, कब उसे बाहर लाया गया, पीड़िता से मिलने कौन-कौन आया, अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उससे कितने लोगों ने बात की।

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…तो इसलिए अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज पुुलिस ने नहीं रखे
यह पूछे जाने पर कि पुलिस और प्रशासन ने पहले फुटेज की मांग क्यों नहीं की, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अपराध से संबंधित मामलों में अस्पताल का मतलब नहीं होता है। उन्होंने कहा, ‘जब तक अस्पताल में कोई अपराध नहीं हुआ हो या लापरवाही नहीं हुई, इससे आपराधिक जांच पर कोई असर नहीं पड़ा। इनके बीच संबंध नहीं है। इसीलिए सीसीटीवी फुटेज पर ध्यान नहीं दिया गया।’

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पीड़िता के भाइयों और पिता से 7 घंटे पूछताछ
इस बीच, पीड़िता के भाइयों और पिता से बुधवार को CBI ने लगभग सात घंटे पूछताछ की। पूछताछ सुबह 11.30 बजे शुरू हुई। पूछताछ के बाद उन्हें स्थानीय पुलिस ने घर छोड़ दिया। इधर पीड़िता के परिवार ने मांग की है कि चारों आरोपियों को अलीगढ़ जेल से किसी और जेल में शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ जेल में आरोपियों को स्थानीय समर्थन मिल रहा है। हाथरस के उप-मंडल मजिस्ट्रेट अंजलि गंगवार ने कहा कि पीड़ित परिवार के अनुरोध पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विचार किया जाएगा।

घटनास्थल का मुआयना करती सीबीआई

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