जदयू से अलग होने पर चिराग का जवाब: लोजपा चीफ बोले- मेरे पिता के साथ नीतीश का बर्ताव घमंड भरा था, लोकसभा में… – दैनिक भास्कर

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पटना3 घंटे पहले

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चिराग पासवान ने कहा, हाल के वक्त में मैंने अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कई बार मुलाकात की लेकिन एक बार भी सीट शेयरिंग का मुद्दा नहीं उठा। (फाइल फोटो)

  • लोजपा चीफ ने कहा, अमित शाह ने खुद मेरे पिता को एक राज्यसभा सीट देने का वादा किया था
  • चिराग ने कहा कि राज्यसभा के नामांकन के दौरान मेरे पिता ने नीतीश को बुलाया था

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान (37) ने गुरुवार को बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू से मतभेद सीटों के बंटवारे को लेकर हुआ। उन्होंने कहा कि जदयू ने दलित वर्ग को नुकसान पहुंचाने के लिए एक दूसरा वर्ग महादलित बना दिया है। चिराग ने कहा कि पिता रामविलास पासवान के साथ नीतीश का बर्ताव घमंड भरा था।

न्यूज एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में चिराग ने कहा- पिछले साल हमने जदयू के साथ गठबंधन में लोकसभा का चुनाव लड़ा था। नीतीश एनडीए में वापस लौटे थे और इसलिए ऐसा करना जरूरी था। पर नीतीश की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में लोजपा प्रत्याशियों के खिलाफ काम किया और गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया।

“शाह-नड्डा के साथ मुलाकात में सीट शेयरिंग का मुद्दा नहीं उठा”

चिराग ने कहा कि पिछले साल राज्यसभा के नामांकन के दौरान मेरे पिता रामविलास ने नीतीश को बुलाया था। लेकिन, इस दौरान उनका व्यवहार काफी घमंड भरा था। उन्होंने बताया कि हाल के वक्त में मैं गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कई बार मिला। एक बार भी सीट शेयरिंग का मुद्दा नहीं उठा। लोजपा कभी भी नीतीश की राजनीति की प्रशंसक नहीं रही। अपने राजनीतिक फायदे के लिए उन्होंने महादलित वर्ग बनाकर दलितों का नुकसान किया।

“नॉमिनेशन का मुहूर्त निकल जाने के बाद पहुंचे थे नीतीश”

लोजपा चीफ ने कहा, “नीतीश कुमार ने मेरे पिता के लिए चिढ़ाने वाला बयान दिया था कि लोजपा के पास केवल 2 विधायक हैं और ऐसे में राज्यसभा जाने के लिए रामविलास के लिए जदयू का समर्थन जरूरी है। मैं याद दिला दूं कि अमित शाह ने खुद मेरे पिता को एक राज्यसभा सीट देने का वादा किया था। और, उस वक्त मैंने काफी छोटा महसूस किया था, जब राज्यसभा नॉमिनेशन के दौरान नीतीश ने मेरे पिता के साथ घमंड भरा व्यवहार किया था। नीतीश नॉमिनेशन के लिए तय किया गया मुहूर्त निकल जाने के बाद पहुंचे थे। कोई भी बेटा इस तरह का नीचा दिखाने वाला व्यवहार स्वीकार नहीं कर सकता।’

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