हाथरस कांड: पीड़िता के पिता की तबीयत बिगड़ी, हॉस्पिटल में भर्ती होने से किया इनकार – News18 हिंदी

हाथरस में पीड़िता के पिता की तबियत बिगड़ने की सूचना है. (File Photo)

हाथरस (Hathras) के सीएमओ बृजेश राठौड़ ने बतया कि पीड़िता के पिता के बीमार होने की सूचना मिली हैं. उनका ब्लड प्रेशर हाई है. CMO ने खुद वहां जाने की बात कही है.

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  • Last Updated:
    October 13, 2020, 11:39 AM IST
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हाथरस. उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड (Hathras Case) की पीड़िता के पिता की तबीयत बिगड़ गई है. पता चला है कि पिता ने खराब तबियत के बावजूद अस्पताल जाने से मना कर दिया है. मामले की सूचना जिला प्रशासन को हुई तो स्वास्थ्य विभाग से खुद सीएमओ पीड़िता के गांव रवाना हुए. उन्होंने कहा कि वह खुद जाकर पीड़ि‍ता के पिता को इलाज के लिए मनाएंगे.

सीएमओ बृजेश राठौड़ ने कहा कि सूचना मिली है कि पीड़िता के पिता बीमार हैं. उनका ब्लड प्रेशर हाई है. मैं जा रहा हूं, देखता हूं. सीएमओ ने बताया कि पीड़िता के पिता हॉस्पिटल जाने को तैयार नहीं हैं. कह रहे हैं कुछ और दिक्कतें भी हैं. हम गांव जा रहे हैं. गांव पहुंचकर मैं खुद उनसे बात करूंगा. सीएमओ ने कहा कि हम उन्हें जिला चिकित्सालय लेकर जाएंगे, जो इलाज हम कर पाएंगे करेंगे, अगर जरूरी हुआ तो लेकर जाएंगे.

सीबीआई टीम भी पहुंच रही गांव
दूसरी तरफ केस की जांच के लिए सीबीआई की टीम मंगलवार को पीड़ि‍ता के गांव पहुंचकर मौका मुआयना करेगी. जानकारी के मुताबिक, सीबीआई मामले की छानबीन के लिए यहां एक अस्‍थाई कार्यालय भी बना सकती है. सीबीआई के आने से पहले हाथरस पुलिस ने घटनास्‍थल को अपने घेरे में ले लिया है. मौके पर कई पुलिसवाले मौजूद हैं. आमलोगों को घटनास्‍थल पर नहीं जाने दिया जा रहा है. उन्‍हें पहले ही रोक दिया जा रहा है. बता दें कि सीबीआई की टीम मौका-ए-वारदात पर पहुंचकर फॉरेंसिक जांच की प्रक्रिया शुरू करने वाली है.न्याय मिलने तक अस्थि विसर्जन नहीं

इससे पहले हाथरस केस में पीड़ित परिवार के लोग इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष पेश होकर सोमवार देर रात वापस घर लौट गए. परिवार के लोग पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच वापस हाथरस लौटे हैं. वहीं, घर लौटने के बाद पीड़ित परिवार ने कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वह अपनी बेटी की अस्थियों का विसर्जन (Bone Immersion) नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि हमने अदालत के सामने इस मुद्दे को उठाया है कि मेरी बेटी के शव को बिना हमसे इजाजत लिए ही जला दिया गया.

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